चार किमी बर्फीली होगी यात्रियों की डगर
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों को इस बार लिनचोली से लेकर केदारनाथ तक बर्फीले व ग्लेशियर वाले रास्ते से गुजरना होगा। चार किमी का यह सफर रोमांच के साथ खतरनाक भी होगा। वहीं, केदारनाथ में हुई जबदस्त बर्फबारी के चलते वहां समय से व्यवस्थाएं जुटाना मुश्किल हो रहा है।
हालांकि मंदिर समिति व स्पेशल टॉस्कफोर्स की टीमें केदारनाथ पहुंच चुकी है, लेकिन कड़ाके की ठंड व लगातार मौसम खराब होने से धाम में काम करना कठिन हो रहा है। लिनचोली से केदारनाथ तक पूरा ग्लेशियर वाले मार्ग से ही यात्रियों को गुजरना पड़ेगा। धाम में तापमान भी मौसम खराब होते ही शून्य से नीचे लुढ़क रहा है। मंदिर परिसर व केदारनाथ बेस कैंप में चार से पांच फीट ऊंची बर्फ जमी है जो व्यवस्थाएं जुटाने में रोड़ा बन रही है। चार मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के लिए व्यवस्थाएं जुटाना जरूरी है। यात्रा शुरू होने में मात्र बारह दिन का समय है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली तक मार्ग को चलने लायक बनाया गया है, लेकिन इससे आगे डगर मुश्किल है। लिनचोली से केदारनाथ तक पूरा बर्फीला रास्ता है।
व्यवस्थाएं जरूरी
यात्रा शुरू होने से पूर्व केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों के लिए विद्युत, स्वास्थ्य, पेयजल, रहने व खाने जैसे बुनियादी सुविधाओं को बहाल करना जरूरी है। वर्तमान तक वहां कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। गत वर्ष की त्रासदी के कारण धाम में आवासीय भवन समेत अन्य सरकारी संपत्तिया तबाह हो चुकी हैं। ऐसे में सभी व्यवस्थाएं सरकार को जुटानी हैं।
हवाई सेवा पर संदेह
केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाली हवाई सेवाओं के यात्रा से पूर्व शुरू होने को लेकर भी संदेह है। अभी हेलीपैड से बर्फ नहीं हटाई जा सकी है, जबकि आए दिन मौसम में बदलाव के कारण धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है।
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केदारनाथ में यात्रा से पूर्व व्यवस्थाएं जुटा ली जाएंगी। ऊर्जा निगम, पेयजल समेत यात्रा से जुडे़ विभाग कैंप कर व्यवस्थाएं जुटाने में लगे हैं।
-डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग