गांव की जमीनें बेच रहीं सरकारें, नहीं रुक रहा पलायन: जोशी
पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि सरकारें चाहे किसी भी दल की रही हों, किसी को गांव की चिंता नहीं रही। सरकारों ने गांव की जमीनें बड़े घरानों को बेचने का काम किया।
बेरीनाग, पिथौरागढ़ [जेएनएन]: पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि सरकारें चाहे किसी भी दल की रही हों, किसी को गांव की चिंता नहीं रही। गांव बचाने के बजाय सरकारों ने गांव की जमीनें बड़े घरानों को बेचने का काम किया। उन्होंने कहा कि रोजगार के साधन मुहैया कराना तो दूर रोजगार भी छीन लिया गया।
हिमालयन यूनिटी मिशन (हम) की गांव बचाओ यात्रा के बेरीनाग पहुंचने के बाद आयोजित जनसभा में डा. जोशी ने कहा कि बेरीनाग, चौकोड़ी की पहचान यहां के चाय बागान थे। आज चाय तक नजर नहीं आती। लोगों को अपनी भूमि का मालिकाना हक तक नहीं मिल सका।
पढ़ें:-सरकारों को समझना होगा कि महिलाएं हिमालयी राज्य की आत्मा हैं: पद्मश्री अनिल प्रकाश जोशी
उन्होंने कहा कि नैनीसार में बाहरी लोगों को गांव की भूमि बेच दी गई। पहाड़ की जनता हक हकूक के लिए तरस रही है। गांव खाली हो रहे हैं। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में तेजी से पलायन हो रहा है। उत्तराखंड राज्य केवल मैदानी जिलों तक सिमट कर रह गया।
पढ़ें:-पलायन को रोकने के लिए प्रदेश सरकार के पास कोई योजना नहीं: डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
जनसभा में ईश्वर जोशी ने कहा कि इस बार ग्रामीण जनता को अबकी बारी, गांव की बारी का नारा बुलंद करना चाहिए। गांव का विकास ही प्रमुख मुद्दा होना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है। गांवों के प्रति नजरिया नहीं बदला तो पहाड़ के गांव मिट जाएंगे। राज्य बनने के 16 सालों का अनुभव बेहद खराब रहा है।
पढ़ें:-गांवों की बदौलत ही शहर भी रहते हैं जिंदा: पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी
पढ़ें:-कांग्रेस और भाजपा ने किया गांवों से छल: पद्मश्री डॉ.अनिल जोशी