भारत में नहीं दिखेंगे पांच मोटर पुल और 26 किमी लंबी सड़क
रमेश गड़कोटी, पिथौरागढ़ : पंचेश्वर जल विद्युत परियोजना से न केवल मानव बस्तियां प्रभावित होंगी, बल्कि
रमेश गड़कोटी, पिथौरागढ़ : पंचेश्वर जल विद्युत परियोजना से न केवल मानव बस्तियां प्रभावित होंगी, बल्कि सार्वजनिक संपत्तियों का भी नुकसान होगा। टनकपुर-तवाघाट नेशनल हाईवे का 26 किलोमीटर हिस्सा डूब जाएगा। हाईवे पर बने दो विशाल मोटर पुलों के साथ ही तीन अन्य पुल भी डूब क्षेत्र में समां जाएंगे। आवागमन के लिए इतने ही नए पुलों के निर्माण के साथ ही नेशनल हाईवे का रू ट भी बदला जाएगा।
पंचेश्वर बांध से जिले की सरयू, काली और गोरी नदी घाटी क्षेत्र प्रभावित होंगी। इन तीनों नदी घाटी क्षेत्र के 87 गांव डूब क्षेत्र में आ जाएंगे। नदी घाटी क्षेत्र में बनी सड़कों के साथ ही नदियों पर बने पुलों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। पिथौरागढ़ जिले का शेष जगत से संपर्क बनाए रखने के लिए नेशनल हाईवे का रू ट बदलने के साथ ही नए पुलों का निर्माण भी करना होगा।
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कहां डूबेंगी सड़कें
पिथौरागढ़: टनकपुर-तवाघाट नेशनल हाईवे पर पड़ने वाले घाट क्षेत्र में सात किलोमीटर सड़क डूब जाएगी। बचे हुए हिस्से को आपस में जोड़ने के लिए तीन किलोमीटर नई सड़क काटी जाएगी। पनार-गंगोलीहाट का चार किमी हिस्सा डूब क्षेत्र में आएगा। इसके स्थान पर पांच किलोमीटर नई सड़क बनेगी। लोहाघाट-अल्मोड़ा सड़क का 11 किलोमीटर अस्तित्व समाप्त होगा। आवागमन बनाए रखने के लिए इतनी ही अतिरिक्त सड़क बनानी पड़ेगी। ओगला-जौलजीवी सड़क का चार किलोमीटर हिस्सा डूब क्षेत्र में आएगा। इस क्षेत्र में चार किलोमीटर सड़क परियोजना की डीपीआर में प्रस्तावित की गई है।
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पुल जो नहीं दिखेंगे
पिथौरागढ़: पंचेश्वर बांध परियोजना से भारतीय क्षेत्र में पांच पुल फिर कभी नहीं दिखेंगे। सरयू नदी पर बना घाट पुल जलमग्न हो जाएगा। इसी से सात किलोमीटर की दूरी पर बना पुल का अस्तित्व भी नहीं रहेगा। इनके स्थान पर गंगोलीहाट तहसील के अंतर्गत नया मोटर पुल बनेगा। सरयू नदी पर बना खरकोली पुल, जौलजीवी में गोरी नदी पर बना पुल और भारत-नेपाल को जोड़ने के लिए झूलाघाट में बना अंतरराष्ट्रीय झूला पुल की भी जल समाधि हो जाएगी। घाट मोटर पुल के पास ब्रिटिश काल में बना लकड़ी का झुला पुल भी बांध बनने के बाद नहीं दिखेगा।
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नेपाल में कम होगा नुकसान
पिथौरागढ़: भारत की तुलना में पड़ोसी देश नेपाल में सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान कम होगा। नेपाल में गोकुल्या-न्वाली सड़क का 11 किमी हिस्सा डूबेगा। इसके स्थान पर 14 किमी नई सड़क बनाई जाएगी। झूलाघाट से बैतड़ी के लिए बनी सड़क का आठ किलोमीटर हिस्सा भी डूब क्षेत्र में आएगा। इसके स्थान पर छह किलोमीटर नई सड़क बनेगी। गोकुल्या क्षेत्र में सिर्फ एक पुल प्रभावित होगा। नेपाल के डूब क्षेत्र में बसासत कम होने के साथ ही सड़कों और पुलों का निर्माण कम हुआ है।