छोटे से गांव से निकले निर्मल ने दिखाई पहाड़ के युवाओं को राह
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : पीसीएस परीक्षा में सफलता पाने वाले निर्मल बसेड़ा ने छोटे से कस्बे से निकलकर
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : पीसीएस परीक्षा में सफलता पाने वाले निर्मल बसेड़ा ने छोटे से कस्बे से निकलकर सफलता की राह बनाई है। सामान्य परिवार के निर्मल को नाते-रिश्तेदारी के बड़े अफसरों से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। आइएएस की परीक्षा में असफल रहने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना मुकाम हासिल किया।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर देवलथल एक छोटा कस्बा है। कस्बे में पढ़ाई-लिखाई का खास माहौल नहीं है। अधिकांश युवाओं का लक्ष्य इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सेना ज्वाइन करने तक ही रहता है, लेकिन निर्मल ने युवाओं की इस सोच से इतर प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य तय किया। उनकी माता प्रेमा बसेड़ा उन्हें अपने आइएएस मामा भीम सिंह खड़ायत के बारे में बताती और उन जैसा बनने के लिए प्रेरित करती है। यही प्रेरणा निर्मल के काम आई।
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में आने के बाद निर्मल एक ओर अपने लक्ष्य के लिए तैयारी करते रहे, तो दूसरी ओर उन्होंने सामाजिक क्रियाकलापों में भी भागीदारी बनाए रखी। छात्र हितों के लिए आवाज उठाने वाले निर्मल पिथौरागढ़ महाविद्यालय का छात्रसंघ के सचिव भी रहे। छात्रसंघ पदाधिकारी बनने के बाद जहां अन्य युवा राजनीति में ही अवसर तलाशते हैं वहीं निर्मल ने इस सोच को भी तोड़ा। उन्होंने आइएएस की परीक्षा दी, सफल नहीं हुए तो नेट उत्तीर्ण कर लिया। नैनीताल विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के बाद भी उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी बनने का अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा। पीसीएस की परीक्षा दी और सफल रहे। निर्मल का मानना है कि पहाड़ के युवाओं को अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ ही अपने परिवेश के सफल लोगों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।