समुद्रतल से 680 मीटर ऊंचाई के क्षेत्र को जलमग्न करेगा पंचेश्वर बांध
संवाद सूत्र, झूलाघाट : भारत और नेपाल की साझा पंचेश्वर बांध परियोजना के चलते प्रस्तावित क्षेत्र में स
संवाद सूत्र, झूलाघाट : भारत और नेपाल की साझा पंचेश्वर बांध परियोजना के चलते प्रस्तावित क्षेत्र में समुद्र तल से 680 मीटर ऊंचाई तक का हिस्सा डूब क्षेत्र में आ जाएगा। परियोजना की नोडल एजेंसी वाप्कोस की टीम ने गुरुवार से क्षेत्र का जीपीएस सर्वे शुरू कर दिया है।
पंचेश्वर बांध के डूब क्षेत्र को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस कारण पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में सैकड़ों गांवों के लोग संशय की स्थिति में हैं। इस बीच नोडल एजेंसी वाप्कोस ने डूब क्षेत्र का आरंभिक सर्वे शुरू कर दिया है। एजेंसी के अभियंता सुभाष उनियाल, कानूनगो नरेश वर्मा, राजस्व उपनिरीक्षक पुष्पा कोहली, भुवन जोशी, वन दरोगा जगदीश बिष्ट की टीम गुरुवार को झूलाघाट पहुंची। टीम ने सेटेलाइट सिस्टम (जीपीएस) के जरिए क्षेत्र का सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे टीम के अभियंता सुभाष उनियाल ने बताया कि समुद्र तल से 680 मीटर ऊंचाई तक का क्षेत्र डूब क्षेत्र में आ जाएगा। झूलाघाट क्षेत्र में एसएसबी कैंप से तीन किलोमीटर ऊपर तक का हिस्सा इसमें शामिल होगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। दूसरे चरण के सर्वे के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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डूब क्षेत्र में तीन जिलों के 134 गांव
पिथौरागढ़: पंचेश्वर बांध परियोजना से डूब क्षेत्र के 134 गांव डूबेंगे और 31023 परिवार बांध से प्रभावित होंगे। साथ ही 3265 हेक्टेयर नाप भूमि बांध के चलते डूब जाएगी। प्रभावित होने वाले गांवों में सर्वाधिक 87 गांव पिथौरागढ़ के होंगे। अल्मोड़ा जनपद के नौ तथा शेष 38 गांव चंपावत जनपद के होंगे। परियोजना में बांध निर्माण का काम 26 सितंबर 2018 से शुरू होगा। 16 सितंबर 2024 को इसे पूरा कर लिया जाएगा। अगले दो साल बांध में पानी भरेगा। 15 सितंबर 2026 के बाद उत्पादन शुरू होगा। परियोजना की डीपीआर में प्रति हेक्टेयर 12 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का प्राविधान किया गया है।