....मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है
संवाद सहयोगी,पिथौरागढ़: हौंसलों से उड़ान होती है पंख से नहीं, मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों
संवाद सहयोगी,पिथौरागढ़: हौंसलों से उड़ान होती है पंख से नहीं, मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। समय-समय पर लोगों ने इसे साबित भी किया है। शारीरिक रु प से कमजोर लोगों के लिए तो यह पंक्तियां विशेष मायने रखती हैं। अपने देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं, लेकिन इस बार बात हो रही है इंग्लैंड के मैथ्यू जान मार्स की। एक पांव से दिव्यांग मार्स ने सोमवार को भारत-नेपाल के बीच सीमा बनाने वाली खतरनाक काली नदी में कयाकिंग शुरु कर पस्त हौंसले वालों को बड़ा संदेश दिया।
इंग्लैंड के वासी मार्स ऋषिकेश की संस्था एक्वाटेरा के सदस्यों के साथ पिथौरागढ़ पहुंचे हैं। सोमवार को उन्होंने पिथौरागढ़ में शुरु हुई पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण के युवाओं को हरी झंडी दिखाई। इसी दौरान उनके पांव की ओर अचानक ध्यान खींच गया। प्लास्टिक का पैर और खतरनाक माने जाने वाले साहसिक खेलों से जुड़ाव। यह देखकर उनके बारे में जानने की इच्छा हुई। बातचीत में 50 वर्षीय मार्स ने बताया कि इंग्लैंड में एक हादसे के दौरान उनका एक पांव बेकार हो गया। कुछ समय से सदमे में रहे, लेकिन जल्दी ही उबर गए और साहसिक गतिविधियों में भागदारी शुरु कर दी। इंग्लैंड में कृत्रिम पांव लगाने के बाद उन्होंने पैराग्लाइडिंग की। विमान उड़ाने में दक्ष पिछले कुछ वर्षो से भारत के ऋषिकेश आकर रिवर राफ्टिंग कर रहे हैं। ऋषिकेश में ही उन्होंने भारत और नेपाल के बीच सीमा रेखा बनाने वाली काली नदी के बारे में सुना और तभी से वे इस नदी में कयाकिंग करने की मंशा पाले हुए थे। सोमवार को झूलाघाट से टनकपुर के लिए रवाना होने के साथ ही उनका सपना पूरा हो गया। उनका कहना है कि जिंदगी में बहुत सारी समस्याएं सामने आती रहती है, लेकिन इससे हारने के बजाय इन्हीं को ढाल बनाकर चुनौतियों को स्वीकार करना ही असली जिंदगी है। उनके साथ मौजूद कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन प्रबंधक दिनेश गुरु रानी ने कहा कि विकलांगता के साथ कयाकिंग युवाओं के लिए एक बड़ा संदेश है।
पिथौरागढ़ की खूबसूरती से बेहद प्रभावित हैं मार्स
पिथौरागढ़: इंग्लैंड निवासी मार्स पिथौरागढ़ की खूबसूरती से बेहद प्रभावित है। उनका कहना था कि दुनिया में इतनी खूबसूरत घाटियां बेहद कम हैं। इस स्थान को दुनिया के पर्यटन नक्शे पर होना चाहिए। पैराग्लाइडिंग, शिलारोहण, राफ्टिंग, कयाकिंग जैसे खेलों के लिए उन्होंने इस स्थान को बेहद उपयुक्त बताते हुए कहा कि इसका व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने की जरु रत है। उन्होंने कहा कि वे इंग्लैंड में साहसिक खेलों से जुड़े लोगों को पिथौरागढ़ की जानकारी देंगे।