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मुआवजा दिया न पुल की मरम्मत कराई

संवाद सूत्र, सेराघाट: दो माह पूर्व सेराघाट के निकट ध्वस्त पुल का पुर्ननिर्माण हुआ है और नहीं पुल

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 05:06 PM (IST)
मुआवजा दिया न पुल की मरम्मत कराई

संवाद सूत्र, सेराघाट: दो माह पूर्व सेराघाट के निकट ध्वस्त पुल का पुर्ननिर्माण हुआ है और नहीं पुल ध्वस्त होने के कारण मृतक और घायलों को मुआवजा मिला है। पुल के प्रति विभाग और शासन की उदासीनता को लेकर जनता में रोष व्याप्त है।

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अल्मोड़ा जिले की सीमा से लगे सेराघाट में मदनपुर से नैनी मोटर मार्ग में सेराघाट और सरतोली के मध्य कनूर नदी में चार वर्ष पूर्व बना मोटर पुल एक फरवरी को दो ट्रकों के एक साथ आर पार होने के कारण ध्वस्त हो गया था। इस दौरान पुल से गुजर रहे दो युवा सुनील कुमार और मनोज बाल्मीकि की मौत हो गई और एक ट्रक चालक बुरी तरह जख्मी हो गया था। चार फरवरी को एसडीएम वैभव गुप्ता और 5 फरवरी को जिलाधिकारी डॉ. रंजीत सिन्हा सेराघाट पहुंचे ।

दोनों अधिकारियों ने चार वर्ष पूर्व बने मोटर पुल के ध्वस्त होने के कारणों की जांच और दो माह के भीतर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वैली ब्रिज बनाने के निर्देश लोनिवि को दिए। मृतकों और घायलों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। चार दिन बाद पुल टूटे दो माह पूरे हो जाएंगे। इस स्थान पर अभी तक विकल्प के रू प में वैली ब्रिज बनाने की पहल नहीं हुई है और नहीं मृतकों और घायल को मुआवजा दिया गया है। अलबत्त्ता पुल टूटने के कारणों की तकनीकी जांच हो चुकी है। जांच रिपोर्ट में लोनिवि को जिम्मेदार ठहराया गया है।

आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने और मुआवजा नहीं मिलने से अब जनाक्रोश भड़कने लगा है। मृतकों के परिजनों ने मुआवजा नहीं मिलने पर अप्रैल माह से घटनास्थल पर ही अनशन पर बैठने की धमकी दी है। पुल टूटने का खामियाजा नौ गांव के ग्रामीणों के साथ 150 विद्यार्थी झेल रहे हैं। इस समय कुलूर नदी का जल स्तर कम है । स्कूली बच्चे नदी पार कर सेराघाट आते जाते हैं। आने वाले दिनों में होने वाली बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा और नदी पार करना संभव नहीं होगा। बच्चों का विद्यालय आना जाना बंद हो जाएगा।

पुल टूटने से प्रभावित गांव -

बड़ोलीसेरा, सारतोला, किमतोला, थकलानी , नैनी, कुपौला , ग्वासीकोट, नैचुना और केवट।

लोनिवि और प्रशासन जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र की जनता को पुल नहीं होने के कारण दस किमी तक पैदल चल कर अपने बाजार सेराघाट तक पहुंचना पड़ रहा है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। दस दिन के भीतर वैली ब्रिज का निर्माण शुरू नहीं होने पर नौ गांवों के ग्रामीण सेराघाट में आंदोलन करेंगे।

- मोहन चंद्र जोशी, ग्राम प्रधान सेरा उर्फ बड़ौली


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