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मिलम में पर्यटक फंसे

By Edited By: Published: Sun, 16 Jun 2013 11:11 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2013 11:12 PM (IST)
मिलम में पर्यटक  फंसे

जाब्यू, पिथौरागढ़ : धारचूला और मुनस्यारी तहसील में तबाही का सिलसिला शुरू हो चुका है। बौन और नागलिंग में तीन पैदल पुल बह गए हैं। भैती में भी नवनिर्मित पुल धौलीगंगा केतेज बहाव में बह चुका है। कीड़ा जड़ी के लिए जंगल गए बौन गांव के सैकड़ों ग्रामीण रास्ते में फंसेहैं। इसके अलावा तिब्बत सीमा से लगे अंतिम गांव सीपू तिदांग गए ग्रामीण भी वहां फंसे हुए हैं। दारमा घाटी का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क कट चुका है। कंचौती मोटर पुल खतरे में आ चुका है। कंचौती पुल के पास रहने वाले ग्रामीण मकान छोड़ कर ऊंचाई की तरफ चले गए हैं। इधर मुनस्यारी तहसील का शेष जगत से सम्पर्क भंग हो चुका है। गोरी गंगा नदी रौद्र रूप ले चुकी है। मदकोट में गोरी गंगा नदी के द्वारा किए जा रहे कटाव से मल्ला मदकोट के दो दर्जन परिवार मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ले चुके हैं। एनएचपीसी की कई मशीनें गोरी नदी के में डूब गई हैं। गोरी नदी द्वारा फगुवा में दस मीटर मार्ग बहा दिया गया है। नदी सड़क से दस फीट ऊपर बह रही है। सेराघाट में निर्माणाधीन पुल नदी के पास से ढक चुका है। भदेली गांव के खेतों में तक गोरी नदी का उफनाता पानी पहुंच गया है। कई मकान पानी में डूब गए हैं। चौना गांव भी खतरे की जद में आ चुका है। कैंथी बैंड गांव भी खतरे में आ गया है। नदी गांव की तरफ रुख कर चुकी है। बसंतकोट का झूला पुल गोरी नदी में बह गया है। गोरीपार के 14 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। एनएचपीसी के कई टेंट भी बह गए हैं। उफनाती गोरी नदी का शोर आठ किमी ऊपर स्थित मुनस्यारी तक सुनाई दे रहा है।

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मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर लीलम के पास छिरदुंग ढूंगा में पैदल मार्ग बह चुका है। बुगडियार में पुल बह गया है जिससे मिलम गए पर्यटकों समेत कई ग्रामीण और आइटीबीपी के जवान फंसे हुए हैं। एक दर्जन से अधिक गांव खतरे में आ चुके हैं। थल-मुनस्यारी मार्ग पर जगह -जगह मलबा आ चुका है। रामगंगा नदी में जानवर बहते नजर आ रहे हैं। नदी का जल स्तर बढ़ने से कई पैदल पुल बह चुके हैं। नामिक, होकरा आदि क्षेत्र अलग-थलग पड़े हुए हैं।

काली और गोरी नदी के संगम स्थल पर स्थिति भयावह बन चुकी है। यहां पर गोरी नदी तटबंधों को पार कर खेड़ा (बस्ती) में घुस चुकी है। कई मकानों में नदी का पानी घुस चुका है। ग्रामीण सहमे हुए हैं। दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। अस्कोट -जौलजीवी पैदल मार्ग पर गर्जिया का झूला पुल खतरे में आ चुका है। गोरी नदी का पानी पुल को छूने लगा है।

भारी वर्षा से गंगोलीहाट-राइआगर - बेरीनाग मार्ग पर नौतिसघाटी और जाड़ापानी के मध्य विशाल चट्टानें खिसक चुकी हैं। मार्ग बंद होने के कारण पाताल भुवनेश्वर से जा रहे पर्यटकों सहित भारी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। थल में रामगंगा नदी का जल स्तर भी बढ़ता जा रहा है।

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