हरकत में प्रशासन, कार्रवाई शुरू
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: भाबर क्षेत्र में नदी-गदेरों में डाले गए स्लग (कचरे) को हटाने संबंधी आदेश पर कार्रवाई न होने पर खफा एनजीटी की ओर से कड़ा रुख अपनाने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया है। शुक्रवार को एसडीएम के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने भाबर क्षेत्र में स्लग प्रभावित विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया व दो स्थानों पर स्लग एकत्र करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि भाबर क्षेत्र के अंतर्गत जशोधरपुर औद्योगिक आस्थान से फैल रहे प्रदूषण को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई से पूर्व विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई को निर्देशित किया था। जुलाई माह में जारी निर्देशों में आस्थान स्थित 18 फैक्ट्रियों में प्रदूषण की वास्तविक स्थिति की जांच करने व नदी तटों पर स्टोर स्लग हटाने के आदेश भी दिए थे। स्पेशल टीम ने सभी फैक्ट्रियों में प्रदूषण की जांच पूर्ण कर दी गई, लेकिन प्रशासन ने स्लग हटाने की जहमत नहीं उठाई।
गत 20 अगस्त को हुई मामले की सुनवाई के दौरान नदी में फेंके गए स्लग (कचरे) को न हटाने पर बेंच ने कड़ा रुख अपना लिया है। एनजीटी ने जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक से नदियों में फेंके गए कचरे की जानकारी मांगी है। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। शुक्रवार को उपजिलाधिकारी अनिल गब्र्याल ने ग्रोथ सेंटर सिगड्डी पहुंच सिडकुल प्रशासन को इस बाबत शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए।
सर्वे में बीता पहला दिन
राजस्व विभाग व सिडकुल की टीम ने शुक्रवार को तेली स्रोत में मगनपुर, उत्तरी झंडीचौड़, पूर्वी झंडीचौड़, श्रीरामपुर व मालन नदी पर पुल के निकट व सिडकुल से सटे क्षेत्र में स्लग प्रभावित स्थानों का सर्वे किया। हालांकि, पहले दिन दो स्थानों पर स्लग एकत्रीकरण के लिए जेसीबी मशीन भी लगाई गई।
स्लग निस्तारण को स्थान का टोटा
तहसील प्रशासन ने नदियों में स्लग हटाने का कार्य तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन स्लग निस्तारण के लिए भूमि का टोटा बना हुआ है। स्लग निस्तारीकरण के तहत पहले चरण में स्लग को नदी नालों से हटा तट पर एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद स्लग को निस्तारित किया जाना है, लेकिन अभी तक डंपिंग जोन का चिह्नीकरण तक नहीं हुआ है। ऐसे में जाहिर है कि यदि बरसात हुई तो एकत्र किए गए स्लग का फिर से नदियों में बहना तय है।
विरोध के उठ सकते हैं सुर
मगनपुर में तेलीस्रोत पर डाले गए स्लग के पूर्ण निस्तारण में प्रशासन को विरोध झेलना पड़ सकता है। दरअसल, इस क्षेत्र में भू-कटाव को रोकने के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने पर काश्तकारों ने अपने खेतों को बचाने के लिए स्लग डाल दिया, ऐसे में यदि स्लग हटाया गया तो भू-कटाव की संभावना और अधिक बढ़ जाएगी, जिसके चलते विरोध के आसार बने हुए हैं।