असहमति के अधिकार को संघर्ष तेज करेगा आइसा
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: असहमति के अधिकार को बचाने को लेकर आइसा संघर्ष को और तेज करेगी। बिड़ल
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: असहमति के अधिकार को बचाने को लेकर आइसा संघर्ष को और तेज करेगी। बिड़ला परिसर श्रीनगर में आइसा द्वारा बुलाई गयी एक गोष्ठी में यह निर्णय लिया गया। दिल्ली विवि के रामजस कॉलेज में बीते दिवस छात्रों पर पत्थर फेंकने, गालियां देने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने के विरोध में यह गोष्ठी बुलाई गयी थी।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए गढ़वाल विवि छात्रसंघ में छात्रा प्रतिनिधि शिवानी पांडे ने कहा कि रामजस कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों के शांतिपूर्ण मार्च के साथ किए गए ¨हसक व्यवहार और हमला लोकतंत्र के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी है। इसके लिए विद्यार्थी परिषद को पूरी तरह से जिम्मेदार बताते हुए कहा कि किसी विचार के साथ असहमति होने पर इस तरह ¨हसा और मारपीट करना लोकतंत्र को कमजोर भी बनाता है। लोकतंत्र में असहमति के अधिकार को बचाने को लेकर आइसा अपने संघर्ष को और तेज करेगी। रामजस कॉलेज में विरोध की संस्कृति पर आयोजित सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद और रोहला राशिद को बतौर वक्ता बुलाया गया था। जिसके विरोध में विद्यार्थी परिषद ने सेमीनार स्थल पर ¨हसक प्रदर्शन करने के साथ ही वहां बिजली आपूर्ति भी ठप कर दी। शिवानी पांडे के साथ ही सुबोध डंगवाल, रेशमा, कुसुम, पंकज बिष्ट, नितेश सिरसवाल, प्रकाश कृष्ण मिश्रा, अंकित उछोली भी विचार व्यक्त करने वालों में शामिल थे।