पैमाइश पूर्ण, भूमि की स्वामी सेना
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बुधवार को सेना व राजस्व विभाग ने फ्लशडोर फैक्ट्री क्षेत्र की संयुक्त रूप
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बुधवार को सेना व राजस्व विभाग ने फ्लशडोर फैक्ट्री क्षेत्र की संयुक्त रूप से पैमाइश भले ही कर दी, लेकिन अब भी फ्लशडोर फैक्ट्री के स्थान पर पांच सितारा होटल बनाने की योजना फिलहाल मूर्त रूप लेती नजर नहीं आ रही। पैमाइश के बाद यह तय हो गया है कि फैक्ट्री के साथ ही आसपास की पूरी भूमि राजस्व अभिलेखों में सेना के नाम दर्ज है। ऐसे में होटल निर्माण के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम को भूमि उपलब्ध करवानी है अथवा नहीं, यह सेना के अधिकार में है।
शासन स्तर से वर्ष 2010 में फ्लशडोर फैक्ट्री के स्थान पर हेलीड्रम से लैस पांच सितारा होटल बनाने की योजना तैयार की गई थी। करीब चार वर्ष बाद योजना को धरातल पर उतारने के लिए कुछ दिन पूर्व जब गढ़वाल मंडल विकास निगम की निर्माण इकाई ने फ्लशडोर फैक्ट्री क्षेत्र में खुदाई कार्य शुरू किया तो सेना ने भूमि पर हक जताते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया।
दरअसल, सत्तर के दशक में फ्लशडोर फैक्ट्री निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने साढ़े नौ एकड़ भूमि सेना से लीज पर ली थी। राज्य गठन के बाद फैक्ट्री के बुरे दिन शुरू हो गए व बाद में गढ़वाल मंडल विकास निगम ने इसे बंद कर इसके स्थान पर पांच सितारा होटल बनाने की तैयारी शुरू कर दी।
सेना की ओर से भूमि पर कब्जा जताने के बाद गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से प्रशासन से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। शासन के निर्देश पर प्रशासन ने बुधवार को सेना की सर्वेयर टीम के साथ राजस्व विभाग ने भूमि की नपत का कार्य शुरू किया। कानूनगो मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि पैमाइश के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि फैक्ट्री के साथ ही इसके आसपास की पूरी भूमि सेना के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने बताया कि पैमाइश से संबंधित रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी। इधर, गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से मौके पर पहुंचे निगम की ऋषिकेश स्थित वुड-वुल फैक्ट्री के प्रबंधक बीके जोशी ने बताया कि सेना से उच्चाधिकारियों से वार्ता कर भूमि को निगम के नाम कराने का आग्रह किया जाएगा।