टूट गईं प्रयोगशालाएं इस सत्र कैसे होंगे प्रेक्टिकल
जागरण प्रतिनिधि, श्रीनगर : हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए सत्र में बीएससी के छात्र-छात्राओं को प्रेक्टिकल की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा। परिसर में प्रयोगशालाएं ना होने के चलते छात्र-छात्राओं को टूटी-फूटी प्रयोगशालाओं में ही प्रेक्टिकल करने होंगे। नए भवनों के निर्माण के लिए पुराने प्रयोगशाला भवनों को तोड़ देने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है।
गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर में बीएससी कक्षाओं का संचालन किया जाता है। बीएससी के छात्र-छात्राओं को फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जूलोजी, बॉटनी, जियोलॉजी जैसे विषयों में प्रेक्टिकल जरूरी होता है। अंक बटोरने के साथ ही विषय की गहरी समझ के लिए प्रेक्टिकल बहुत अहम होता है, लेकिन इस सत्र से बीएससी के विद्यार्थियों के लिए प्रेक्टिकल कर पाना खासा मुश्किल साबित हो सकता है। दरअसल बिड़ला परिसर में नई बिल्डिंग बनाने के लिए वहां पहले से बनी पुरानी बिल्डिंग (जिसमें लेक्चर हॉल और प्रयोगशालाएं थीं) को तोड़ दी गई है। साथ ही प्रयोगशालाओं के लिए आवश्यक बिजली और पानी के कनेक्शन कटवा दिए गए हैं। प्रयोगशालाओं में इक्यूपमेंट स्टैंड, गैस और वाटर पाइप फिटिंग भी निर्माण कार्यो के दौरान टूट गए। विवि प्रशासन सत्र 2012-13 से बीएससी की कक्षाओं का संचालन भी चौरास में करना चाहता था, लेकिन विवि अधिकारियों के अनुसार चौरास पुल टूटने के कारण फिलहाल वहां बीएससी कक्षाओं का संचालन संभव नहीं लग रहा है। ऐसे में अब प्रयोगशालाएं ना होने के कारण बीएससी के विद्यार्थियों को खुले में या प्रयोगशाला स्टोर में ही अपने प्रेक्टिकल करने होंगे। अब विवि के अधिकारी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर प्रेक्टिकल के लिए कक्षाओं के बाद लेक्चर हॉल उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं।
बिड़ला परिसर में ही छात्रों के लिए प्रयोगशाला की व्यवस्था करवाई जाएगी।
डॉ.उदय सिंह रावत, कुलसचिव, गढ़वाल विवि
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