Move to Jagran APP

सिगरेट के छल्लों में धुंआ हुआ 'कोटपा'

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: एक जनवरी वर्ष 2013 से प्रदेश में तंबाकू व गुटका उत्पादों पर पूरी तरह प्रत

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 01:00 AM (IST)
सिगरेट के छल्लों में धुंआ हुआ 'कोटपा'
सिगरेट के छल्लों में धुंआ हुआ 'कोटपा'

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: एक जनवरी वर्ष 2013 से प्रदेश में तंबाकू व गुटका उत्पादों पर पूरी तरह प्रतिबंध है, बावजूद इसके क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। कानून भले ही तमाम हों, लेकिन जब सिस्टम ही नींद में है तो कानून का फाइलों में सिमट जाना स्वाभाविक है। प्रदेश में सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा) सिस्टम की सुस्ती के चलते हवा में है। आलम यह है कि स्कूलों की दो सौ मीटर की परिधि में सिगरेट व तंबाकू उत्पादों की न सिर्फ खुलेआम बिक्री हो रही है, बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर भी धड़ल्ले से धुएं के छल्ले उड़ाए जा रहे हैं।

loksabha election banner

वर्ष 2003 से प्रदेश में भी कोटपा कानून लागू है व वर्ष 2013 से प्रदेश में तंबाकू व गुटका की बिक्री भी प्रतिबंधित है। बावजूद इसके क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री जोरों पर है। हालात यह है कि क्षेत्र में कोटपा के तहत बनाए गए प्राविधानों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। क्षेत्र में कोटपा कानूनों की किस तरह ताक पर रखा गया है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत वर्ष जब टोबेको टास्क फोर्स ने छापेमारी की तो इक्का-दुक्का स्थानों को छोड़ कहीं भी सार्वजनिक स्थानों पर धूमपान निषेध के बोर्ड नहीं लगे हुए थे और यही स्थिति आज भी जारी है।

कोटपा के प्रावधान व कार्रवाई

धारा-4 के तहत सभी सरकारी व गैरसरकारी सार्वजनिक स्थलों के प्रभारियों को धूमपान निषेध क्षेत्र के बोर्ड लगाने होंगे। बोर्ड न पाए जाने पर संस्थान प्रभारी से जुर्माना वसूला जाएगा। सार्वजनिक स्थल के प्रत्येक प्रवेश द्वार, प्रत्येक मंजिल के प्रमुख स्थान पर चेतावनी बोर्ड लगाना आवश्यक है। साथ ही बोर्ड में संस्थान के प्रभारी का नाम, पद व फोन नंबर भी दर्शाया जाना आवश्यक है। धूमपान को बढ़ावा देने वाली वस्तुएं सार्वजनिक स्थलों पर उपलब्ध नहीं होनी चाहिए। कोटपा एक्ट की धारा-6 (अ) के अनुसार तम्बाकू उत्पाद विक्रेताओं को भी दुकान के बाहर चेतावनी बोर्ड लगाना होगा। बोर्ड पर आधे हिस्से में सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी व आधे हिस्से में अठारह वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री दण्डनीय अपराध है, लिखा हुआ होना चाहिए। बोर्ड न होने पर तम्बाकू उत्पाद विक्रेता को जुर्माना भरना होगा। धारा (6ब) के अनुसार शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद नहीं बेचे जा सकते हैं। शिक्षण संस्थानों के प्रवेश द्वार पर भी चेतावनी बोर्ड लगाना आवश्यक है।

यहां नहीं कर सकेंगे धूमपान

कोटपा एक्ट की धारा -4 के तहत सार्वजनिक स्थलों, जिनमें अस्पताल भवन, न्यायालय भवन, सार्वजनिक/निजी कार्यालय, कार्यस्थल, होटल, रेस्टोरेंट, शॉ¨पग मॉल, शिक्षण संस्थान, पुस्तकालय, सभागार, सार्वजनिक वाहनों सहित जहां लोगों का आवागमन होता है, उन जगहों पर धूम्रपान निषेध है।

'जनपद में गठित टोबेको टास्क फोर्स लगातार छापेमारी करती है। जहां भी नियमों की अवहेलना पाई जाती है, नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। ..सुशील कुमार, जिलाधिकारी, पौड़ी'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.