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महिलाओं की आर्थिकी होगी मजबूत

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आजीविका संव‌र्द्धन को लेकर आयोजित बैठक में वर्ष 2022 तक जिले को आत्मनिर्भ

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 07:44 PM (IST)
महिलाओं की आर्थिकी होगी मजबूत
महिलाओं की आर्थिकी होगी मजबूत

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आजीविका संव‌र्द्धन को लेकर आयोजित बैठक में वर्ष 2022 तक जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने पर जोर दिया गया। इसमें सरकारी विभाग व स्वयंसेवी संस्थाएं तालमेल कर काम करेंगे। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास करने को कहा। कहा कि जो भी उत्पादन स्थानीय महिलाएं तैयार करती हैं, उसका उचित दाम दिया जाए, ताकि महिलाओं की आर्थिकी मजबूत हो सके।

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सीडीओ कार्यालय में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि हथकरघा उद्योग क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाएं इंटरनेट से ऑनलाइन रोजगार करें। कहा कि इससे जहां समय की बचत होगी, वहीं लोग आसानी से उत्पादों की खरीददारी कर सकेंगे। सरकारी संस्थाओं के बजाय उत्पादक एनजीओ को अपने उत्पादनों की बिक्री कर रहे हैं, इसकी वजह क्या है, इस पर मंथन किया जाए। सरकार विभाग और एनजीओ आपस में इस विषय पर चर्चा करें और जो कमियां हैं, उनको दूर करें। कहा कि सरकारी सहायता मिलने के बावजूद उत्पादकों का विश्वास सरकारी संस्थाओं पर नहीं है, जोकि दुर्भाग्य की बात है।

बैठक में जिलाधिकारी ने मिशन 2022 तक जिले को मधुमक्खी पालन, मशरूम व गुलाब के क्षेत्र में मॉडल के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए उद्यान विभाग को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा। कहा कि अन्य विभाग भी अभी तक मिशन 2022 को लेकर अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं। अगली बैठक में अपना प्रोजेक्ट तैयार कर लाएं। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जिले में बंजर भूमि पर लेमन ग्रास और गुलाब की खेती करने पर जोर दिया। डीएम ने कहा कि जैविक दूध और शहद की डिमांड देश-विदेश में है। अघिक से अधिक लोग इसे खरीदना चाहते हैं, इसके लिए भी जिले में प्रयास किए जाएंगे कि लोग दूध और शहद का उत्पादन करें।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि कृषक सगंध पौधा केंद्र में अपना पंजीकरण करा लें। इससे उनके उत्पादों को अच्छी कीमत मिलेगी। कहा कि जिले में बायो गैस बनाने की ट्रे¨नग भी दी जाएगी। हिम उत्थान के प्रशिक्षक विकास खंड स्तर पर तीन-तीन लोगों को मिस्त्री का प्रशिक्षण देंगे, ताकि जिले में ही उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें और लोगों को बायो गैस प्लांट लगाने में सुविधा हो। कहा कि अगले यात्राकाल में स्थानीय उत्पादकों के लिए प्रत्येक हेलीपैड पर एक-एक आउटलैट दिए जाएंगे, जहां पर वह अपने उत्पादों को बेचेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि उत्पादक ऐसे उत्पाद तैयार करें, जिससे पर्यटक आकर्षित हो सकें और अधिक से अधिक खरीददारी करें।

बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आरके ¨सह, डीडीओ अमर ¨सह गुंज्याल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद थे।


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