फसल उगाओ, मौसम की चिंता छोड़ो
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : काश्तकारों के लिए सुखद सूचना। अब काश्तकारों को फसल बुआई के बाद मौसम में
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : काश्तकारों के लिए सुखद सूचना। अब काश्तकारों को फसल बुआई के बाद मौसम में हो रहे परिवर्तनों से डरने की जरूरत नहीं।
दरअसल, प्रदेश में मौसम आधारित फसल बीमा योजना खरीफ 2017 लागू कर दी गई है। योजना के तहत काश्तकार को फसल बीमा का महज पांच फीसदी हिस्सा सरकारी खाते में जमा करना होगा, जबकि अन्य हिस्सा केंद्र व राज्य सरकार वहन करेगी। मसलन, एक लाख के फसल बीमा पर काश्तकार को मात्र पांच हजार रुपये जमा करने होंगे। योजना हेक्टेयर पर आधारित है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर इसे 'नाली' में भी लागू किया गया है।
जनपद, जिनमें होगा फसल बीमा
उत्तराखंड में अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल पर्वतीय, पिथौरागढ़, चंपावत, देहरादून पर्वतीय, देहरादून मैदानी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व टिहरी
इन फसलों का होगा बीमा
देहरादून (मैदानी) को छोड़ अन्य तमाम जनपदों में आलू, टमाटर, अदरक, बीन व मिर्च को योजना में शामिल किया गया है। देहरादून (मैदानी) में मात्र अदरक का ही बीमा होगा।
यह हैं जोखिम कारक व अवधि
अधिक तापमान (एक मई 2017 से 30 जून 2017), वर्षा की कमी (एक मई 2017 से 30 जून 2017), अधिक वर्षा (16 जून 2017 से 31 अगस्त 2017), वर्षा का पैटर्न (16 जून 2017 से 31 जुलाई 2017)।
फल भी आएंगे दायरे में
मौसम आधारित फसल बीमा योजना खरीफ 2017 के बाद लागू होने वाली पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (रबी) के दायरे में आम, लीची, सेब, माल्टा, मटर व आडू भी आएंगे। इससे उत्तराखंड में काश्तकारों को काफी फायदा मिलेगा।
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'योजना काश्तकार को काफी फायदा पहुंचाएगी। काश्तकारों को योजना का लाभ लेने के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है।
डॉ.रजनीश ¨सह, उद्यान विशेषज्ञ, कोटद्वार