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किशोरावस्था में सृजनात्मकता को अभिभावकों का साथ जरूरी

संवाद सहयोगी, पौड़ी : जिला मुख्यालय पौड़ी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 05:36 PM (IST)
किशोरावस्था में सृजनात्मकता को अभिभावकों का साथ जरूरी
किशोरावस्था में सृजनात्मकता को अभिभावकों का साथ जरूरी

संवाद सहयोगी, पौड़ी : जिला मुख्यालय पौड़ी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हो गया है। इसमें किशोरों में पोषण, यौन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, नशे की प्रवृत्ति, चोट व ¨हसा की प्रवृत्ति आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला में जनपद के विभिन्न विकासखंडों से 30 एएनएम व एलएचवी प्रतिभाग कर रहे हैं।

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जिला पंचायत सभागार में शुरू हुई कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार राणा ने कहा कि किशोरावस्था में बच्चों की सृजनात्मकता को अभिभावकों का साथ सबसे ज्यादा चाहिए, लेकिन अक्सर अभिभावक बच्चों को किशोरावस्था के दौरान शारीरिक व मानसिक रूप से हो रहे बदलावों को नहीं समझा पाते हैं। ऐसे में बच्चों में अनेक प्रकार की विकृतियां आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में बच्चों को पोषण की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अजीत मोहन जौहरी ने कहा कि किशोरावस्था में बच्चों को सही यौन शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे बच्चे नशे व अपराध की तरफ ना बढ़ सके। मास्टर ट्रेनर डॉ. अशोक कुमार तोमर, डॉ. आशीष गुसाई ने स्वास्थ्य कर्मियों को किशोरों के स्वास्थ्य को लेकर वृहद स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय किशोर कार्यक्रम के जिला समन्वयक मनमोहन ¨सह पटवाल ने किया।


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