जैव विविधता को सुदृढ़ करने के हिमायती थे बरनाला
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड के पहले राज्यपाल स्व. सुरजीत ¨सह बरनाला की स्मृति में गढ
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड के पहले राज्यपाल स्व. सुरजीत ¨सह बरनाला की स्मृति में गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर में आयोजित व्याख्यान माला में वक्ताओं ने कहा कि वह जैव विविधता को सुदृढ़ करने के बड़े हिमायती थे। इसके लिए उन्होंने शुरू से ही मिश्रित वनों की आवश्यकता पर जोर दिया था। बरनाला के आग्रह पर लगाए गए आंवले के पेड़ के सम्मुख उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई।
पर्वतीय विकास शोध केंद्र द्वारा आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए पर्यावरणविद् जगत ¨सह चौधरी जंगली ने कहा कि वर्ष 2002 में तत्कालीन राज्यपाल सुरजीत ¨सह बरनाला द्वारा उनके मिश्रित वन का भ्रमण करने के बाद ही उन्हें विभिन्न विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाने लगा। डॉ. अर¨वद दरमोड़ा ने कहा कि मिश्रित वन के काम को विशिष्ट उपलब्धि बता बरनाला ने 21 अप्रैल 2002 को श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में जंगली को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया था। डॉ. कविता भट्ट, डॉ. रजनी नौटियाल, डॉ. विनोद नौटियाल, डॉ. प्रदीप ममगांई ने भी स्व. बरनाला के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर चौरास परिसर के मंदिर क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया गया।