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एक दशक बाद कोटद्वार को मिला 'प्रेक्षागृह'

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: करीब एक दशक बाद आखिरकार कोटद्वार की जनता को नगर में प्रेक्षागृह (ऑडिटोरिय

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:01 AM (IST)
एक दशक बाद कोटद्वार को मिला 'प्रेक्षागृह'

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: करीब एक दशक बाद आखिरकार कोटद्वार की जनता को नगर में प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) मिल गया है। वर्ष 2005 से 'तंत्र' की लेटलतीफी में फंसे प्रेक्षागृह का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। इन दिनों प्रेक्षागृह में आंतरिक सज्जा के साथ ही साउंड सिस्टम लगाने का कार्य जोरों पर है। माना जा रहा है कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह इसी प्रेक्षागृह में मनाया जायेगा।

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नगर में संस्कृति प्रेमियों की मांग पर वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कोटद्वार में 400 सीट की क्षमता वाले प्रेक्षागृह के लिये एक करोड़ 37 लाख की धनराशि स्वीकृत करते हुये इसके लिये प्रथम किश्त के रूप में ग्राम्य विकास विभाग को 50 लाख की धनराशि अवमुक्त की थी। दरअसल, 2007 में सत्ता परिर्वतन के साथ ही प्रेक्षागृह निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गये व अगले पांच वर्षो तक निर्माण कार्य पूरी तरह बंद रहा। कांग्रेस पुन: सत्तासीन हुई तो प्रेक्षागृह की सुध ली गई व एक बार फिर प्रेक्षागृह का निर्माण शुरू हो गया। अब निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और नगरवासियों को जल्द एक शानदार प्रेक्षागृह मिल जायेगा।

लेटलतीफी ने की खजाने पर चोट

प्रेक्षागृह निर्माण में की गई लेटलतीफी ने सरकारी खजाने पर चोट की। जहां वर्ष 2005 में प्रेक्षागृह का निर्माण 1.80 करोड़ की लागत से होना था, वर्ष 2012 में जब कार्यदायी संस्था ने प्रेक्षागृह निर्माण को पुनरीक्षित प्राकलन भेजा तो निर्माण की लागत 3.64 करोड़ पहुंच चुकी थी। शासन ने न सिर्फ उक्त प्राकलन को वित्तीय सहमति प्रदान की, बल्कि प्रेक्षागृह के नाम पर 2.68 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हुई। अवशेष 96 लाख की धनराशि अवमुक्त होते ही प्रेक्षागृह के बचे हुये कार्य पूर्ण कर उसे संस्कृति विभाग को सुपुर्द कर दिया जाएगा।

'निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। आंतरिक सज्जा के साथ ही कुर्सियां लगाने का कार्य जारी है। प्रयास है कि जुलाई माह के अंत तक प्रेक्षागृह संस्कृति विभाग को हस्तांतरित हो जाये।'

डीसी पंत, अधिशासी अभियंता, ग्राम्य विकास विभाग


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