नोटों की 'हरियाली', नियम ताक पर
अनुज खंडेलवाल, लैंसडौन सरकारी धन किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, इसकी बानगी फतेहपुर- लैंसडौन मार्ग प
अनुज खंडेलवाल, लैंसडौन
सरकारी धन किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, इसकी बानगी फतेहपुर- लैंसडौन मार्ग पर देखने को मिलेगी। इन दिनों यहां कम तापमान में और झमाझम बारिश के बीच नोटों की 'हरियाली' के सामने नियम भी ताक में रखे जा रहे हैं। आगे- आगे सड़क का डामरीकरण किया जा रहा है और पीछे से डामर उखड़ रहा है।
सड़क में बिछने वाले डामर के लिए पानी सबसे बड़ा दुश्मन है। सड़क पर यदि पानी है तो डामर नहीं टिक सकता। यह लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कहते हैं, लेकिन जब कार्यों को धरातल पर क्रियान्वित करने की बात आती है तो तमाम कायदे-कानून जेब में रख दिये जाते हैं व पानी में ही डामर बिछाने का कार्य शुरू हो जाता है। पर्यटन नगरी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले फतेहपुर-लैंसडौन मोटर मार्ग पर न दिनों कुछ ऐसा ही चल रहा है। झमाझम बारिश के बीच न सिर्फ डामर बिछाया जा रहा है, बल्कि वाहनों के चलने से उखड़ रहे डामर पर पैबंद भी लगाये जा रहे हैं।
शासन की ओर से पूर्व में लैंसडौन से फतेहपुर की ओर 13 किमी. हिस्से में प्री-मि¨क्सग कार्य के नाम पर एक करोड़ 36 लाख स्वीकृत किये, लेकिन बाद में इस कार्य में छह किमी. हिस्सा और शामिल कर धनराशि बढ़ाकर दो करोड़ नौ लाख रुपये कर दी। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की बात करें तो वाहनों के चलने के साथ ही उखड़ रहा डामर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
जनता के साथ पर्यटक भी परेशान
बरसात के सीजन में किये जा रहे डामरीकरण कार्य को लेकर क्षेत्रीय जनता के साथ ही पर्यटक भी विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन नोटों की 'हरियाली' के आगे विभाग ने आंख-कान बंद किये हैं। इधर, सड़क में हो रहे डामरीकरण कार्य के कारण पर्यटकों के साथ ही आम जनता भी खासी परेशान है। दरअसल, डामरीकरण कार्य के चलते इस सड़क पर घंटों जाम लग रहा है।
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'जब धूप खिल रही है, उसी दौरान डामर बिछाया जा रहा है। साथ ही कार्यों में गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जा रहा है। ..उमाशंकर कुकरेती, अवर अभियंता, लोनिवि, लैंसडौन'