सात हजार छात्र चुके हैं लाभान्वित
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से गढ़वाल कें
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंस्पायर विज्ञान शिविरों से उत्तराखंड के स्कूली छात्र-छात्राएं विज्ञान की विभिन्न विधाओं को लेकर अपनी जिज्ञासाओं को भी दूर कर रहे हैं। गढ़वाल विवि द्वारा गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए अब तक ऐसे 27 शिविर आयोजित किए जा चुके हैं जिनसे लाभान्वित होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग सात हजार तक जा पहुंची है। इन छात्रों के विद्यालयों के दो हजार शिक्षक भी विज्ञान की नई-नई जानकारियों और विज्ञान शिक्षण कला की नई-नई तकनीकियों से भी लाभान्वित हुए हैं। इंस्पायर विज्ञान शिविरों में भाग लेने से स्कूली छात्र-छात्राओं को भू विज्ञान, बायो टेक्नालॉजी, रिमोट सें¨सग प्रणाली, हिमनद विज्ञान आदि ऐसे कई विज्ञान सम्बन्धी विषयों के बारे में भी जानकारियां मिलती हैं जो उनके स्कूली पाठ्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध नहीं हैं।
स्कूली छात्र-छात्राओं में विज्ञान विषयों के प्रति रुचि बढ़ाने और भविष्य में विज्ञान शोध कार्यों में उनकी सहभागिता बढ़ाने को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय वर्ष 2009 से हर शिक्षासत्र में तीन से पांच इंस्पायर विज्ञान शिविरों का आयोजन करता आ रहा है। जिसमें देश के विभिन्न आइआइटी और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के वैज्ञानिक फैकल्टियों से भी पढ़ने का अवसर स्कूली छात्रों को मिलता है। इन वैज्ञानिक फैकल्टियों के पढ़ाने की विधि से स्कूली शिक्षक भी लाभान्वित होते हैं। इस अभियान के संयोजक और गढ़वाल विवि के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक प्रो. यशपाल सुंद्रियाल ने बताया कि दो हजार शिक्षकों के साथ ही लगभग सात हजार छात्र-छात्राएं इन इंस्पायर विज्ञान शिविरों से अब तक लाभान्वित हो चुके हैं। शिविर के दौरान ही छात्रों से उनके शिविर अनुभव के साथ ही विज्ञान विषयों के प्रति उनके सुझाव और रुचि को लेकर भी फीड बैक ली जाती है। जिससे विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय को प्रत्येक शिविर के आधार पर अवगत भी कराया जाता है। इस शिविर में भाग लेने वाले कक्षा 11 के स्कूली छात्र-छात्राएं भू विज्ञान, बायो टेक्नालॉजी, मेडिसनल प्लांट, रिमोट सें¨सग प्रणाली, हिमनद विज्ञान ऐसे वैज्ञानिक विषयों की विभिन्न विधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं जो उनके स्कूली शिक्षा के अंतर्गत उपलब्ध नहीं होते हैं। प्रो. सुंद्रियाल का मानना है कि इन वैज्ञानिक विषयों के बारे में नई-नई जानकारियां मिलने से स्कूली छात्रों में विज्ञान के प्रति और रुचि भी जाग्रत होती है।
इंस्पायर विज्ञान शिविर के कोआर्डिनेटर प्रो. यशपाल सुंद्रियाल ने बताया कि इन शिविरों में भाग लेने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के विभिन्न विद्यालयों से ऐसे छात्र-छात्राओं का चयन किया जाता है जिन्होंने बीते वर्ष की कक्षा दस बोर्ड परीक्षा में स्कूल के टाप वन छात्रों में स्थान प्राप्त किया हो। जिसके लिए न्यूनतम 75.2 प्रतिशत प्राप्तांकों से अधिक के छात्र ही आ पाते हैं। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में दस ग्रेड प्वाइंड वाले छात्र ही इस शिविर के लिए चयनित होते हैं। स्कूलों के लिए ऐसे छात्रों की संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं है। तीन से चार दिन चलने वाले इन शिविरों में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को उत्तम श्रेणी की आवास और भोजन सुविधा निशुल्क भी उपलब्ध करायी जाती है।