सूखने की कगार पर मटर की फसल
संवाद सहयोगी, चम्बा: लंबे समय से बारिश न होने के कारण मटर की फसल सूखने के कगार पर है। काश्तकारों का
संवाद सहयोगी, चम्बा: लंबे समय से बारिश न होने के कारण मटर की फसल सूखने के कगार पर है। काश्तकारों का कहना है इस बार बीज की कीमत वसूल कर पाना भी मुश्किल है। उन्होंने प्रशासन से खेतों का निरीक्षण करने की मांग की है।
प्रखंड के चम्बा-मसूरी फलपट्टी, नागणी क्षेत्र और उसके ऊपर डांडा क्षेत्र में मटर की फसल सूखने लगी है। लंबे समय से बारिश न होने के कारण ऐसी नौबत आई है। काश्तकारों का कहना है कि यदि समय पर बारिश हुई होती तो वे अब तक मटर की फसल निकाल चुके होते। लेकिन बारिश न होने के कारण मटर के पौधे जमीन से ऊपर ही नही उठ पाए हैं। जहां फसल कुछ ठीक है, वहां पानी नहीं मिल पा रहा। मटर उन पर फलियां लगनी तो दूर की बात है। ड़धार गांव के काश्तकार दिनपाल सिंह, दिनेश सिंह आदि का कहना है कि उन्होंने दो हजार रुपये से अधिक का बीज क्रय कर बुआई की, लेकिन सूखे से फसल चौपट हो गई है। कई काश्तकारों का पांच हजार से अधिक का बीज बोया है। बताते चलें कि पूरे चम्बा प्रखंड व उसके आसआस के क्षेत्र में वैसे भी चौमासे में बहुत ही कम बारिश हुई हैं। जिससे दलहनी फसलें भी सूखी है। काश्तकारों ने प्रशासन से उनके खेतों का निरीक्षण करने की मांग की है। उद्यान निरीक्षक दीर्घपाल सिंह नेगी का कहना है कि वास्तव में फसल सूखने के कगार पर है। यह सब बारिश न होने के कारण हुआ है।