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लाखों फूंक कर आई सुध

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सरकारी धन को किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, कोटद्वार नगर पालिका परिसर मे

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 01:03 AM (IST)
लाखों फूंक कर आई सुध

जागरण संवाददाता, कोटद्वार:

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सरकारी धन को किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, कोटद्वार नगर पालिका परिसर में निष्प्रयोज्य पड़ी कूड़ा उठाने वाली हाथ गाड़ियों को देख इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। करीब पौने पांच लाख की लागत से पालिका ने गत अप्रैल माह में पालिका ने इन गाड़ियों की खरीद की थी, लेकिन जिन सफाई कर्मियों के लिए गाड़ियां खरीदी गई थी, उन्होंने गाड़ियों की निम्न गुणवत्ता के चलते उन्हें लेने से इंकार कर दिया। नतीजा, लाखों की लागत से खरीदी गई हाथ गाड़ियां पालिका परिसर में जंग खा रही हैं।

नगर क्षेत्र का कूड़ा भले ही आम जनता के साथ ही नगर पालिका के लिए बड़ा सिरदर्द हो, लेकिन इस कूड़े के निस्तारण के नाम पर नगर पालिका जिस तरह सरकारी धन को पानी की तरह बहाती है, वह वास्तव में सोचनीय है। पालिका ने नगर क्षेत्र में गली-मोहल्लों से कूड़ा उठाने के लिए गत अप्रैल माह में 4.72 लाख की लागत से 70 कूड़ा उठाने वाली हाथ गाड़ियां खरीदी। योजना यह थी कि इन हाथ गाड़ियों को सफाई कर्मियों के सुपुर्द किया जाए, ताकि सफाई कर्मी छोटी-छोटी गलियों से भी कूड़ा उठा सकें।

हैरानी की बात यह रही कि जिन सफाई कर्मियों के लिए यह हाथ गाड़ियां खरीदी गई, उन्होंने ही इन गाड़ियों को लेने से इंकार कर दिया। सफाई कर्मियों का स्पष्ट कहना था कि हाथ गाड़ियां निम्न गुणवत्ता की हैं व यदि इनमें कूड़ा भरना शुरू किया तो वे दो-तीन महीने में ही टूट जाएंगी, जिसके बाद उन्हें अपनी जेब से इनकी मरम्मत करानी पड़ेगी। हालात यह है कि 70 में से 15-20 हाथ गाड़ियां ही सफाई कर्मी ले गए हैं व अन्य तमाम पालिका परिसर में जंग खा रही हैं।

..अब खरीदे जाएंगे हाथ रिक्शे

कोटद्वार : सफाई कर्मियों द्वारा हाथ गाड़ी न लिए जाने के बाद अब नगर पालिका हाथ रिक्शे खरीदने की तैयारी में है। तय किया गया है कि जितनी हाथ गाड़ियां परिसर में खड़ी हैं, उन्हें सप्लायर को वापस दे दिया जाए व उसके एवज में सप्लायर से कूड़ा ले जाने वाले 20 हाथ रिक्शे लिए जाएं। हालांकि, हाथ रिक्शों की खरीद के लिए सप्लायर को और धनराशि देना तय है।

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'सफाई कर्मियों से जानकारी लिए बगैर हाथ गाड़ियों की खरीद कर ली गई थी। बाद में पता चला कि इतनी हाथ गाड़ियों की आवश्यकता नहीं थी। हाथ गाड़ियों को वापस कर उनके स्थान पर रिक्शे मंगवाए जा रहे हैं। ..रश्मि राणा, अध्यक्ष, नगर पालिका, कोटद्वार'


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