सोनम ने विपरीतपरिस्थितियों में पाया मुकाम
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 94.40 फीसद के साथ वरीयता सूची मे
जागरण संवाददाता, कोटद्वार : उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 94.40 फीसद के साथ वरीयता सूची में 11वां स्थान पाने वाली प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम बामसू निवासी सोनम ने शिक्षा महकमे के गाल पर करारा तमाचा जड़ा है। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंडिया में अध्ययनरत सोनम सिर्फ इसलिए स्कूल छोड़ने को मजबूर हुई, क्योंकि स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं थे। माता-पिता से दूर रिश्तेदारों के घर में रह सोनम ने न सिर्फ कड़ी मेहनत से मुकाम पाया, बल्कि क्षेत्र का भी नाम रोशन किया।
पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी उन प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को कुंद कर रही है, जिन्हें यदि सहारा मिले तो वे आसमान छूने की क्षमता रखते हैं। प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम बामसू निवासी सोनम भी एक ऐसी मेधावी छात्रा है, जिसने पढ़ाई की खातिर माता-पिता से भी दूरी बना ली। सोनम ने नौवीं कक्षा तक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंडिया में पढ़ाई की। नौवीं कक्षा में सोनम ने भले ही प्रथम स्थान प्राप्त किया, लेकिन विद्यालय में शिक्षकों की कमी उसे अपने भविष्य पर संकट की तरह नजर आई। सोनम की माने तो विद्यालय में विज्ञान विषय में शिक्षक नहीं थे, जबकि अंग्रेजी विषय के शिक्षक मेडिकल पर थे।
भविष्य के मद्देनजर सोनम ने स्कूल छोड़ दिया व कोटद्वार निवासी अपने दादा बलवंत सिंह शाह (पिता दर्शन सिंह शाह के चाचा) के पास आ गई। दादा बलवंत सिंह ने उसका दाखिला राइंका सुखरो में करवा दिया। गांव की अपेक्षा इस विद्यालय का माहौल पूरी तरह अलग था, लेकिन सोनम ने स्वयं को विपरीत परिस्थितियों के अनुकूल बना मंजिल हासिल की। सोनम के पिता दर्शन सिंह ग्राम प्रधान हैं, जबकि माता सविता देवी गृहिणी हैं।
भविष्य में इंजीनियर बनने का सपना संजोए सोनम भी स्वीकारती हैं कि पर्वतीय क्षेत्र के विद्यालयों के शिक्षकों की कमी मेधावियों की राह में रोड़ा बन जाती है। उनका कहना है कि दूरदराज के विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले तो वो नए आयाम स्थापित कर सकते हैं।
वैज्ञानिक बनना चाहती है शिवानी
उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 92.4 फीसद नंबर के साथ वरीयता सूची में 21वां रैंक पाने वाली शिवानी डोबरियाल भविष्य में वैज्ञानिक बनने का सपना संजोए है। सरस्वती विद्या मंदिर जानकीनगर में अध्ययनरत शिवानी के पिता वाणीविलास डोबरियाल पूजा-पाठ का कार्य करते हैं, जबकि माता निर्मला देवी गृहिणी हैं।