पहले आंधी ने सताया अब चेक रुला रहे हैं
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : तहसील प्रशासन की कमियों के चलते काश्तकार इन दिनों बैंक व तहसील के चक्कर काट
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : तहसील प्रशासन की कमियों के चलते काश्तकार इन दिनों बैंक व तहसील के चक्कर काट रहे हैं। गत 30 अप्रैल को आई आंधी के कारण हुई क्षति के मुआवजे के रूप में काश्तकारों को दिए जा रहे चेकों में काफी त्रुटियां आ रही हैं। काश्तकारों ने मुआवजा राशि बढ़ाने की भी मांग की है।
गत तीस अप्रैल की रात क्षेत्र में आए भयंकर तूफान से हुई क्षति का मुआवजा बंटना शुरू हो गया है। कोटद्वार तहसील क्षेत्र में अभी तक काश्तकारों को बीस लाख की धनराशि के चेक वितरित कर दिए गए हैं व बारह लाख की धनराशि के चेक वितरित होने बाकी हैं। चेकों का वितरण एक हजार रुपये प्रति बीघा के अनुसार किया जा रहा है। सरकार ने मुआवजा राशि एक हजार से बढ़ाकर 15 सौ रुपए कर दी है, लेकिन अभी तक प्रशासन को बढ़ाई गई पांच सौ रुपये की धनराशि से संबंधित बजट नहीं मिल पाया है।
अभी तक जिन चेकों का वितरण किया गया है, यह चेक कई काश्तकारों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। दरअसल, तहसील प्रशासन की लापरवाही से कई चेकों में काश्तकारों के नाम गलत अंकित किए गए हैं। काश्तकारों चेकों को बैंकों में जमा करवा रहे हैं, लेकिन नाम गलत होने के कारण उनके चेक वापस किए जा रहे हैं। काश्तकार वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके चेक पर वीरेंद्र लाल कर दिया गया था, जबकि कुंदन सिंह रावत का कहना था कि चेक में उनका नाम कुंदन कुमार दर्ज किया गया था।
इधर, ग्राम बालासौड़ निवासी काश्तकार पातीराम ध्यानी ने प्रदेश सरकार से मुआवजे की बढ़ी हुई दरों के अनुरूप अवशेष धनराशि अविलंब स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराने की मांग की है। उपजिलाधिकारी जीआर बिनवाल ने बताया कि जिन चेकों में गड़बड़ियां हैं, उन्हें तत्काल ही संशोधित किया जा रहा है।