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बागवानी, जैविक खेती को दिया जाए बढ़ावा

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: उत्तरांचल उत्थान परिषद, गढ़वाल विवि और उत्तराखंड स्टेट काउंसिल ऑफ

By Edited By: Published: Sun, 22 Mar 2015 05:26 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2015 05:26 PM (IST)

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

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उत्तरांचल उत्थान परिषद, गढ़वाल विवि और उत्तराखंड स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में जैविक खेती के साथ ही बागवानी को बढ़ावा देना होगा।

रविवार को बिड़ला परिसर के एसीएल हॉल में 'उत्तराखंड राज्य में विकास की अवधारणा स्थानीय संसाधनों के संदर्भ में' विषय पर सम्मेलन का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश ने कहा कि हमें स्थानीय जरूरतों के अनुसार उत्तराखंड के विकास का मॉडल खड़ा करना होगा। जैविक खेती और बागवानी को बढ़ावा दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे पहाड़ से हो रहे पलायन को रोका जा सकेगा। कहा कि गांव को विकास का आधार बनाकर हम उत्तराखंड को देश का आदर्श राज्य बना सकते हैं। मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि जल का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं किया गया तो आने वाले समय में जल को लेकर जनआंदोलन भी होने लगेंगे। खाल, चाल, ताल तलैय्यों से हमें अपने प्राकृतिक जल स्रोतों को सुदृढ़ भी करना होगा। पहाड़ के धारे नौले के संरक्षण और संव‌र्द्धन पर जोर देते हुए सच्चिदानंद भारती ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों को वानस्पतिक आवरण से आच्छादित भी करना होगा।

गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहरलाल कौल ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अपने जड़ से जुड़कर कार्य किए जाने की जरूरत है। लगातार बढ़ रहे उपभोग नीति पहाड़ ने पहाड़ में कहीं न कहीं विकास को प्रभावित किया है। ज्ञान के माध्यम से गांवों में सहकारी समितियों को प्रभावी कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकते हैं। उद्यानिकी विवि के कुलपति प्रो. मैथ्यू प्रसाद ने कहा कि पहाड़ में पैदा होने वाली फल सब्जियों के लिए हिमाचल की तर्ज पर फल सब्जी विपणन केंद्र विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने युवाओं को बागवानी, वानिकी क्षेत्र में प्रशिक्षित किए जाने पर जोर दिया।

डॉ. भरत झुनझुनवाला ने कहा कि पहाड़ में कम्प्यूटर आधारित उद्योग और कार्यो को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने कहा कि गांव-गांव में बीज गांव भी बनाए जाने की जरूरत है। उत्तरांचल उत्थान परिषद के अध्यक्ष भजन सिंह खत्री ने कहा कि सम्मेलन में लिए गए निर्णयों से प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहन पंवार ने किया। इस मौके पर प्रो. डीएस नेगी, प्रेम बड़ाकोटी, अनुसूया प्रसाद भट्ट, डॉ. संजीव, राजेश थपलियाल, प्रो. हरभजन सिंह चौहान, सुशीला भंडारी, डॉ. अनंतराम ममगाई, डॉ. सरिता पंवार आदि मौजूद थे।

फोटो - 22 एस.आर.आई.-4


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