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कार खाई में गिरी, तीन मरे, एक घायल

संवाद सहयोगी, पौड़ी: बुआखाल रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंडियाल बैंड के पास शनिवार शाम एक कार के गहर

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 05:56 PM (IST)
कार खाई में गिरी, तीन मरे, एक घायल

संवाद सहयोगी, पौड़ी: बुआखाल रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंडियाल बैंड के पास शनिवार शाम एक कार के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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पुलिस के अनुसार एक कार शनिवार शाम करीब सात बजे पाबौ से पौड़ी की ओर आ रही थी। घंडियाल बैंड के निकट यह कार करीब दो सौ मीटर गहरी खाई में गिर गई, जिससे पौड़ी तहसील के कलुण गांव निवासी कैप्टन वीरेंद्र सिंह (53), पुत्र नारायण सिंह, सिरकिल निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी (45), पुत्र गोविंद सिंह तथा बलवीर सिंह (50), पुत्र दयाल सिंह ग्राम गाड महरगांव की मौत हो गई जबकि एक अन्य सवार इडवालस्यूं पट्टी के जखेड़ गांव निवासी ओम प्रकाश भट्ट घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों मृतक सीएसडी कैंटीन में सेवारत थे और अपने साथियों के साथ त्रिपालीसैंण स्थित भैरव मंदिर का दर्शन कर लौट रहे थे। इस घटना से मृतकों के गांव में मातम का माहौल है। एसडीएम पीएल शाह ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

मोबाइल नहीं मिले तो वापस लौटे साथी

सीएसडी कैंटीन में कार्यरत कुछ कर्मचारी अपने साथियों के साथ भैरव देव के दर्शनों के लिए त्रिपालीसैंण गए थे। तीन वाहनों में सवार सभी लोग खुशी खुशी लौट रहे थे। लेकिन दो अन्य वाहनों में सवार साथियों ने जब दुर्घटनाग्रस्त कार में सवार साथियों से संपर्क करना चाहा तो चारों में से किसी से भी संपर्क नहीं हो पाया। फिर रात आठ बजे पौड़ी पहुंचे लोग अपने साथियों की तलाश में गए। वहां सड़क पर घायल अवस्था में ओम प्रकाश भट्ट दिखे। ओम प्रकाश ने कार दुर्घटनाग्रस्त होने का इशारा किया। तब चट्टान पर खोज कार्य शुरू हुआ।

खोज करते जोखिम में डाली जान

सीएसडी कैंटीन में कार्यरत जगमोहन रावत के मुताबिक सर्च अभियान में वह चट्टान में उतरे और जंगल में फंस गए। दुर्घटना का पता लगने के बाद साथी लोग घायल को बचाने पौड़ी लौट आए। लेकिन वह जंगल में ही फंस गए। फिर उन्होंने घर से अपनी पत्नी को मदद के लिए बुलाया और तब जाकर सकुशल लौट सके।


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