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सैकड़ों स्कूलों पर बंदी का संकट

जागरण संवाददाता, पौड़ी: जनपद में 446 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या 10 से कम है। वर्ष

By Edited By: Published: Tue, 13 Jan 2015 04:49 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jan 2015 04:49 PM (IST)

जागरण संवाददाता, पौड़ी: जनपद में 446 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या 10 से कम है। वर्ष 2015 के सत्र में इनमें से कई विद्यालयों के छात्र विहीन होकर बंद होने की आशंका है। हैरत की बात है कि शिक्षा विभाग में मोटी तनख्वाह के साथ मलाई काट रहे अधिकारियों व शिक्षक अब भी हालात सुधारने के लिए गंभीर प्रयास नहीं कर रहे।

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मंडल मुख्यालय पौड़ी में शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही अपर शिक्षा निदेशक प्राथमिक व माध्यमिक के कार्यालय हैं। सरकार इनकी तनख्वाह पर लाखों रुपये खर्च कर रही है पर लाभ नहीं मिल रहा। वर्ष 2014 के शिक्षा सत्र में जनपद में 76 प्राथमिक विद्यालय छात्र विहीन होकर बंद हो गए। पर आंकड़े बता रहे हैं कि 2015 में हालात इससे भी खराब हो सकते हैं। जनपद के 446 प्राथमिक विद्यालय ऐसे भी हैं, जहां छात्र संख्या 10 से कम हो चुकी है। ऐसे में नए सत्र में इनमें से अधिकतर विद्यालयों में शायद ही कोई नया प्रवेश हो पाए। ऐसे में बंद होने वाले विद्यालयों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। जनपद में लगातार बिगड़ रही शिक्षा की हालत को सुधारने के लिए अब भी बेहतर प्रयास नहीं हो रहे हैं।

जनपद में बीते वर्ष की तस्वीर

कुल स्वीकृत विद्यालय 1700

शून्य छात्रसंख्या पर बंद विद्यालय 76

दस से कम छात्र वाले विद्यालय 446

यह है कारण

-शिक्षा की गिरती गुणवत्ता

-आधारभूत सुविधाओं का अभाव

-शिक्षकों की कमी

-बच्चों की बेहतरी पर नहीं ध्यान

-शिक्षा विभाग की अंदरूनी राजनीति

-ग्रामीण क्षेत्रों से पलायान

ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा पलायन भी प्राथमिक विद्यालयों में घटती छात्र संख्या का एक कारण हो सकता है। शिक्षा विभाग अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। जो कमियां हैं उन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आरके उनियाल, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक गढ़वाल मंडल


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