जांच में फर्जी निकला मेडिकल छात्र
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र ने गलत तरी
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
श्रीनगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र ने गलत तरीके से दाखिला लिया था। जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। जांच कमेटी ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य को रिपोर्ट सौंप दी। प्राचार्य ने कहा कि रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इस छात्र का भविष्य अब शासन के निर्णय पर टिका है।
उत्तराखंड पीएमटी से प्रवेश लेने वाले मुन्ना भाइयों पर रोक नहीं लग पा रही है। इस साल भी एक मुन्नाभाई सरकार की तमाम व्यवस्थाओं को धता बताकर श्रीनगर मेडिकल कालेज में प्रवेश लेने में सफल रहा। श्रीनगर पुलिस को गोपनीय सूचना से इस मुन्नाभाई के बारे में सूचना मिली। इस पर पुलिस अधीक्षक पौड़ी ने बीती एक नवंबर को मेडिकल कालेज की प्राचार्या डा. आइएस योग को पत्र भेजकर इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा था। प्राचार्य ने उपप्राचार्य डा. देशदीपक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी ने कथित मुन्नाभाई के बारे में जांच कर गुरुवार को अपनी रिपोर्ट प्राचार्य को सौंप दी। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच कमेटी ने इसे फर्जी पाया है। उल्लेखनीय है कि 'दैनिक जागरण' ने बीते नौ अक्टूबर को ही पुलिस को इस मुन्नाभाई की तलाश से समाचार भी प्रकाशित किया था।
दूसरे अभ्यर्थी ने दी परीक्षा
श्रीनगर मेडिकल कालेज में प्रवेश लेते समय कथित मुन्नाभाई की ली गयी फोटो और अब उसी नाम से टर्मिनल इग्जाम दे रहे छात्र की ली गयी फोटो दोनों का मिलान नहीं हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि पीएमटी परीक्षा से लेकर और मेडिकल कालेज में प्रवेश लेते समय तक दूसरा अभ्यर्थी था और प्रवेश लेने के बाद कक्षा में दूसरा अभ्यर्थी पहुंच गया। यह मुन्नाभाई मेडिकल कालेज के हॉस्टल में भी नहीं रहता है। सितम्बर में प्रवेश लेने के बाद अधिकांश समय यह गायब भी रहा और आजकल चल रही टर्मिनल परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पहुंचा है।
नहीं बता पाया पीएमटी का रोल नंबर
जांच कमेटी ने जब इस मुन्नाभाई से पूछताछ की तो वह अपने पीएमटी का रोल नम्बर भी स्पष्ट नहीं बता सका। प्रवेश को लेकर उसकी काउंसिलिंग कब और कहां हुई मेडिकल कालेज में प्रवेश से संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में भी वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाया। जांच कमेटी भी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह लड़का वह नहीं है, जिसने श्रीनगर मेडिकल कालेज में प्रवेश लिया था। अब नजरें शासन के निर्णय पर टिकी हैं।