अब विवि में पंजीकृत होंगे पुस्तक विक्रेता
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय और श्रीनगर, पौड़ी, टिह
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :
गढ़वाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय और श्रीनगर, पौड़ी, टिहरी तीनों परिसरों के पुस्तकालयों में पाठ्य पुस्तकों की बिक्री करने वाले पुस्तक विक्रेताओं को अब पहले विश्वविद्यालय में अपना पंजीकरण कराना होगा। पुस्तकें खरीदने से पूर्व केंद्रीय पुस्तकालय की ओर से संबंधित पुस्तक विक्रेता से एक निर्धारित राशि बतौर जमानत भी जमा करवाई जाएगी।
पुस्तकों की बिक्री को लेकर गढ़वाल विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित नियम शर्तो का उल्लंघन करने पर संबंधित पुस्तक विक्रेता की जमानत राशि विश्वविद्यालय की ओर से जब्त कर ली जाएगी। पुस्तक विक्रेताओं के पंजीकरण करने को लेकर गढ़वाल विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. एमएस राणा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी पुस्तक विक्रेताओं के पंजीकरण करने को लेकर संबंधित नियमों का निर्धारण करेगी। पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. राणा ने कहा कि कमेटी अपनी संस्तुतियां शीघ्र ही विश्वविद्यालय को दे देंगी। दूसरी ओर विश्वविद्यालय में पुस्तकों की खरीद को लेकर स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की मांग को लेकर बिड़ला परिसर छात्रसंघ अध्यक्ष दिव्यांशु बहुगुणा और विवि छात्र महासंघ अध्यक्ष कमलेश थपलियाल गुरुवार को कुलसचिव से भी मिले। कुलसचिव प्रो. पीएस राणा ने दोनों छात्र नेताओं को कहा कि संबंधित कमेटी की संस्तुतियां प्राप्त होने पर विचार कर निर्णय लिए जाएंगे।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों के लिए पुस्तकों की खरीद को लेकर पुस्तक विक्रेताओं के लिए नियमों और शर्तो का निर्धारण विवि प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित पुस्तक विक्रेता को विश्वविद्यालय में अपना पंजीकरण भी करना होगा। कुलसचिव प्रो. पीएस राणा ने कहा कि पुस्तकों की खरीद से संबंधित व्यवस्था को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने को लेकर विवि ने यह निर्णय लिए हैं। प्रो. राणा ने कहा कि पंजीकृत पुस्तक विक्रेताओं की सूची गढ़वाल विवि की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। विश्वविद्यालय में संबंधित विभागाध्यक्षों की संस्तुतियों पर अब तक सीधे पुस्तक विक्रेताओं से खरीद की जाती रही है। अब इस प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है। किताबों को लेकर संबंधित विभाग के शिक्षकों की मांग पर विभागाध्यक्ष की ओर से जो संस्तुतियां की जाएंगी उन किताबों की खरीद अब केंद्रीय पुस्तकालय की ओर से की जाएगी।