पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सामाजिक मुद्दों पर किए गए आंदोलन के दौरान लोगों पर राजमार्ग जाम करने के आ
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सामाजिक मुद्दों पर किए गए आंदोलन के दौरान लोगों पर राजमार्ग जाम करने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए जाने के विरोध में जन अधिकार संयुक्त संघर्ष समिति ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को समिति ने तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन कर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को समिति कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में तहसील पहुंचे व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर संपन्न हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि इस तरह के मुकदमे दर्ज कर पुलिस जनता के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर मुकदमे दर्ज करना गलत है।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम हो रही है। जब जनता की ओर से पुलिस कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है तो इसे कुचलने के लिए उन पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उपस्थित लोगों ने कहा कि यदि सरकार इन मुकदमों को वापस नहीं लेती तो आंदोलन किया जाएगा।
सभा में जिला पंचायत सदस्य भरत नेगी, उत्तराखंड विकास परिषद के सचिव जेपी बुड़ाकोटी, समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोविंद डंडरियाल, महिला समाख्या की पारूल, पछासं के राजेंद्र, धामधार निवासी अनिल नवानी, गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल, पंकज बवाड़ी, सूरज प्रसाद कांति, कमला धस्माना, चंद्रप्रकाश नैथानी, इंदिरा देवी, हरिओम सहित कई अन्य ने विचार रखे।
यह है मामला
मई 2013 में अपनी दीदी के घर आई एक किशोरी को दो युवतियां बहला-फुसला कर नजीबाबाद ले गई। किशोरी का कहना था कि 25 हजार में उसको चार युवकों के पास बेचने की बात चल रही थी। यह सुनकर वह किसी बहाने वहां से से भाग निकली। मामला दर्ज होने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर जन अधिकार संयुक्त संघर्ष समिति ने आंदोलन किया था। जिसके बाद पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ एनएच पर जाम लगाने समेत विभिन्न धाराओं में मामला कायम कर दिया। जिसका आंदोलनकारियों को डेढ़ वर्ष बाद पता चला।