मेरा मन का शिवालय मा बसायां छन शिवजी..
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बैकुंठ चतुर्दशी मेला पूरे शबाब पर है। हर दिन होने वाले रंगारंग कार्
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बैकुंठ चतुर्दशी मेला पूरे शबाब पर है। हर दिन होने वाले रंगारंग कार्यक्रमों का आकर्षण दर्शकों को खींच लाता है और शाम होते ही पंडाल खचाखच भर जाते हैं। इसी क्रम में मेले की छठी संध्या लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के नाम रही जिन्होंने अपने भजनों व लोकगीतों से माहौल में समा बांध दिया। देर रात तक श्रोता नाचते रहे। नरेंद्र नेगी के गीतों को सुनने के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रोता जीआइटीआइ मैदान पहुंचे थे।
बैकुंठ चतुर्दशी मेले की छठी सांस्कृतिक संध्या में नरेंद्र नेगी, मीना राणा के गीतों पर श्रोता मंत्रमुग्ध दिखाई दिए। महिलाएं बड़ी संख्या में उनके गीतों को सुनने के लिए पहुंची थीं। मेरा मन का शिवालय मा बसायां छन शिवजी., ठंडो रे ठंडो मेरा पहाड़ै की हव्वा ठंडी., मां भगवती की पूजा को लेकर कन्याओं करी ओर से कन्या पूजन के गीत सहित नरेंद्र नेगी के गाए अन्य गीत श्रोताओं को देर रात तक बांधे रहे। उत्तराखंड की संस्कृति तहजीब परम्परा को लेकर मीना राणा के गीत हम उत्तराखंडी छा. और नरेंद्र और कविलास नेगी के गीत मेरे को पाड़ी मत बोलो मैं देहरादून वाला हूं.. और राजनीति के बदलते स्वरूप पर प्रस्तुत हास्य नृत्य गीत तितरी फंसे चकुली फंसे तु क्यों फंसे काका.. और अनिल बिष्ट और साथियों की प्रस्तुति गीत ए बौ मेरी नया जमना की. को भी श्रोताओं ने खूब सराहा। गणेश खुगशाल ने सांस्कृतिक संध्या का संचालन किया। गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. पीएस राणा ने विवि कर्मचारी संगठन की ओर से और नगरपालिका अध्यक्ष विपिन मैठाणी ने जनता की ओर से लोकगायक नरेंद्र नेगी को सम्मानित भी किया गया।
नंदा की कथा की प्रस्तुति
उत्सव ग्रुप श्रीनगर की प्रस्तुति नंदा की कथा को दर्शकों ने खूब सराहा। नंदा देवी की मायके से विदाई के साथ ही राजजात यात्रा की कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति दी।