रंगमंच ने दिखाई महिला की पीड़ा
संवाद सहयोगी, पौड़ी: भव्य रंगयात्रा के साथ पौड़ी में अखिल भारतीय रंग महोत्सव का आगाज हो गया। बड़ी तादाद
संवाद सहयोगी, पौड़ी: भव्य रंगयात्रा के साथ पौड़ी में अखिल भारतीय रंग महोत्सव का आगाज हो गया। बड़ी तादाद में दर्शकों ने रंगमंच की प्रस्तुतियों का आंनद उठाया। इस दौरान कलाकारों ने अपने जीवंत अभिनय से समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों का सच लोगों को दिखाया।
नवांकुर की पहल पर आयोजित रंग महोत्सव की शुरुआत विभिन्न प्रांतों की सांस्कृतिक छटा बिखेरती रंगयात्रा से हुई। जनगीतों के साथ दर्जनों की संख्या में कलाकारों ने शहर को अपने अपने क्षेत्रों की संस्कृति से अवगत कराया। एजेंसी चौक पर हुए नुक्कड़ नाटक में कलाकारों ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर सामाजिक चेतना जगाई। इस मौके पर नंवाकुर के अशोक बौड़ाई, यमुना राम, मनोज दुर्बी, राजदीप, कंचन समेत दिल्ली, हरियाणा आदि प्रांतों से आए रंगकर्मी शामिल रहे।
भ्रष्ट तंत्र को उजागर किया
अखिल भारतीय रंग महोत्सव में ब्लैक पर्ल आटर््स नई दिल्ली के कलाकारों ने 'पापा मेरे पापा' और बेला थिएटर के कलाकारों ने 'भूखे नाविक' नाटक का मंचन किया।
अमूल सागर के निर्देशन में हुई पापा मेरे पापा की प्रस्तुति में कलाकारों ने नारी सशक्तिकरण जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए समाज में व्याप्त समस्याओं और हालात को उजागर किया। नाटक में प्रकाश विश्वकर्मा, ऋतिका मल्होत्रा, आशीन गांधी, वंशज सक्सेना, हिमांशू, मुकुल, तुषार भाटिया, लोहित तलमड़िया, योगेश, प्रवीण कुमार, गौरव शर्मा, जुबेर, सुमित, आनंद, माहित आदि ने अभिनय किया।
दूसरी प्रस्तुति भूखे नाविक में अमर शाह के निर्देशन में भारतीय नाविक समाज की स्थिति को दर्शाया गया। साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था पर पूंजीपतियों के शिकंजे और उससे लचर होती व्यवस्थाओं पर समाज का ध्यान खींचा। तीन नाविकों के माध्यम से छिन्न भिन्न होती लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी उजागर किया। नाटक में मनीष जोशी, पवन, गोपाल सिंह, विवेक कुमार, तुशांत, फराह अनवर, धाराणा चौहान, भानु प्रताप सिंह, तुषार मदान, मयंक अरोड़ा ने अभिनय किया।