गोदाम में कैद खेतों की जरूरत, किसान परेशान
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: उत्तराखंड कॉरपोरेट फैडरेशन (यूसीएफ) की लापरवाही काश्तकारों पर भारी पड़ रही है। हरिद्वार स्थित गोदाम में खाद आने के बाद भी क्षेत्र के काश्तकारों को अब तक खाद नहीं मिल पाई है। वहीं सहकारी समीतियों इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। और तो और यूसीएफ ट्रांसपोर्टेशन की विवाद का हवाला देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है।
यूसीएफ की लचर कार्यप्रणाली काश्तकारों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। काश्तकार पिछले दो माह से खाद का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन लोगों को खाद मुहैया नहीं कराई जा रही है। जहां तक यूसीएफ के जिम्मेदारियों की बात है तो वह पिछले दो माह से ट्रांसपोर्ट विवाद सुलझने का इंतजार कर रहा है।
यह सता रहा भय
धान की पौध की रोपाई के 20-25 दिन के भीतर यूरिया खाद का पहला छिड़काव करना आवश्यक होता है। लेकिन रोपाई होने के करीब डेढ़ माह बाद भी पौध में को खाद नहीं मिली। समय से खाद न मिलने के कारण पौध कमजोर रह जाती है। जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है।
ट्रांसपोर्टेशन के विवाद के चलते खाद नहीं पहुंच पा रही है। खाद पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
दीपक कुमार, यूसीएफ गोदाम प्रभारी, कोटद्वार