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रचना के हत्यारों की हो गिरफ्तारी

By Edited By: Published: Wed, 13 Aug 2014 06:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 06:15 PM (IST)
रचना के हत्यारों की हो गिरफ्तारी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: जन अधिकार संयुक्त संघर्ष समिति ने दुगड्डा प्रखंड के बहुचर्चित रचना हत्याकांड दूसरी बरसी पर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए इस प्रकरण की सक्षम न्यायालय में अपील करने की मांग को लेकर शहर में जुलूस निकाला व तहसील में प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की मांग उठाई।

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जन अधिकार संयुक्त संघर्ष समिति ने बैनर तले विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने गिवई स्रोत पुल से तहसील तक जुलूस निकाला। बांहों में काली पट्टी बांधे प्रदर्शनकारियों ने तहसील पहुंचने पर जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। साथ ही संगठन ने तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर रचना हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पूरे प्रकरण की सक्षम न्यायालय में अपील करने की प्रशासन से मांग की।

इससे पूर्व, विरोध दिवस के तहत आयोजित सभा में संगठन की अध्यक्ष गंगा देवी ने रचना हत्याकांड में दोषियों को सजा न मिलने को पुलिस की कमजोर जांच का परिणाम बताया। गोविंद डंडरियाल ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले राजस्व उपनिरीक्षकों व पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई न होने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के लचर रवैए से अपराधियों के हौंसले बढ़ रहे हैं। महिला समाख्या की प्रीति थपलियाल ने महिला हिंसा के प्रकरणों को रोकने के लिए एकजुट संघर्ष पर जोर दिया।

इस अवसर पर राजेंद्र, रघुवीर रावत, सिद्धी देवी, सुरेंद्र, रंजना, अर्चना, गीता रावत, जमोत्री देवी, भगवान सिंह, रामचंद्र जुयाल, वीरेंद्र रावत आदि मौजूद रहे। संचालन पंकज बवाड़ी ने किया।

यह था मामला

नौ अगस्त 2012 को कोटद्वार से अपने घर से लिए रवाना हुई ग्राम झवाणा (आमसौड़) निवासी रचना का सड़ा-गला शव 13 अगस्त को गांव से कुछ दूर बरामद किया गया। पिता की तहरीर पर राजस्व पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया लेकिन, राजस्व पुलिस की कार्यप्रणाली से ग्रामीण संतुष्ट न होने के कारण 22 अगस्त को मामला रेगुलर पुलिस के सुपुर्द हो गया। रेगुलर पुलिस ने भी मामले में कुछ विशेष नहीं किया व 29 सितंबर 2012 को मामले में चार्जशीट लगा दी। ग्रामीणों के आंदोलन के बाद 29 अक्टूबर को मामला सीबीसीआईडी के पास पहुंच गया। सात नवंबर 2012 से सीबीसीआईडी ने जांच शुरू की, जो कि आज तक जारी है।


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