साथी नहीं, हाथी बने उत्पाती
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: जंगल में पर्याप्त मात्रा में आहार है और पानी भी, बावजूद इसके हाथी सनेह क्षेत्र के ग्रामीणों के साथी नहीं बन पा रहे हैं। बीती शनिवार की रात हाथियों का झुंड सनेह क्षेत्र के ग्राम कुंभीचौड़ में धमक गया। इस दौरान हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया, हाल ही में रोपी धान की फसल के साथ केले आदि की फसल नष्ट कर दी। हैरानी की बात यह है ग्रामीण हाथियों के आतंक से खौफजदा है, लेकिन वन महकमे के कान में जूं तक नहीं रेंग रही।
सनेह क्षेत्र के अंतर्गत कुंभीचौड़ गांव में हाथियों का कहर थम नहीं रहा। बीते एक सप्ताह से जंगल से सटे कुंभीचौड़ गांव के पास मंडरा रहा हाथी झुंड शनिवार रात गांव में करीब आधा किमी अंदर ग्रामीणों के आंगन तक आ धमका। तीन शिशु हाथी समेत कुल 12 सदस्यों वाले हाथी झुंड ने गांव में जमकर उत्पात मचाया, हाल ही में रोपी धान की फसल रौंद दी, केले व आम के पेड़ों को तहस नहस कर डाला। कनस्तर आदि बजाने पर सुबह पांच बजे हाथी झुंड के निकलने के बाद ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। कुंभीचौड़ निवासी विजय ढौंडियाल ने बताया कि वन विभाग को कई मर्तबा शिकायत की गई, लेकिन उनकी सुध लेने को कोई तैयार नहीं।
पीछे दौड़ा हाथी, बाल-बाल बची जान
कुंभीचौड़ में रविवार तड़के उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब हाथी एक ग्रामीण के पीछे दौड़ पड़ा। यह घटना उस समय हुई जब एक ग्रामीण नहर के रास्ते मुख्य मार्ग पर आ रहा था, इस बीच रास्ते में अचानक सामने आया हाथी उसके पीछे दौड़ पड़ा। ग्रामीण ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
..तो अधूरी दीवार बन रही दिक्कत
सनेह क्षेत्र के ग्राम कुंभीचौड़ के साथ ही उससे सटे ग्राम रतनपुर में हाथियों का आतंक है। यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि गत वर्ष वन विभाग ने लाखों की लागत से हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया था, लेकिन मौजूदा हाथी प्रभावित इलाके में हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं कराया गया। ग्रामीणों की माने तो इसके चलते ही हाथी गांव में घुस उत्पात मचा रहे हैं।
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'वन विभाग ने पिछले वर्ष का फसल क्षति का मुआवजा अब तक नहीं दिया, लेकिन अब हाथियों से जानमाल का नुकसान होने के अंदेशे के बावजूद कुछ नहीं किया जा रहा।
निर्मल ढौंडियाल, कुंभीचौड़
'हाथी सुरक्षा दीवार अधूरी छोड़ने से हाथी आंगन तक घुस रहे हैं, लेकिन वन विभाग सुध लेने को तैयार नहीं।
दीपक पांडे, ग्राम प्रधान, कुंभीचौड़'