बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: क्षेत्र में सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। करीब आठ घंटे तक चली इस बारिश के कारण जहां सड़कें नालों में तब्दील हो गई, वहीं लोगों के घर व दुकानों में जलभराव हो गया। बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह सड़कें बंद हो गई।
सोमवार को क्षेत्र में बारिश आफत बनकर बरसी। बारिश के कारण जहां कई जगह मार्ग अवरुद्ध हो गए, वहीं काशीरामपुर तल्ला, गौनियाल मार्केट, गाड़ीघाट, उदयरामपुर, मानपुर, कौड़िया, सिम्मलचौड़, मगनपुर, लालपानी सहित कई अन्य स्थानों पर जलभराव हुआ। काशीरामपुर तल्ला निवासी राम सिंह के आवास के चारों ओर करीब छह फीट तक जलभराव हो गया। दरअसल, नगर क्षेत्र में बरसाती पानी की निकासी के लिए समुचित व्यवस्था न होने के कारण यह पानी काशीरामपुर तल्ला में पहुंचता है। गत वर्ष जिला पंचायत की ओर से लाखों की लागत से बरसाती पानी को गांव की ओर आने के रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार पहली बारिश में ही बह गई। सूर्या नगर में परेशानी का सबब बनी पुलिया पर सोमवार सुबह पीपल का पेड़ फंसने से पानी बस्ती की ओर रुख कर गया। सनेह क्षेत्र के अंतर्गत कई स्थानों पर बरसाती रपटे आने से स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने से यातायात बाधित हुआ। हालांकि, राजमार्ग को खुलवा दिया गया। पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर सड़कें बंद रही।
गिरा पेड़, टला हादसा
कोटद्वार : बारिश के कारण तहसील के समीप एक बड़ा पेड़ गिर गया। पेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरने के बजाय तहसील परिसर की चारदीवारी को तोड़ अधिवक्ताओं के चैंबर की ओर गिरा। सौभाग्यवश इस दौरान अधिवक्ताओं के चैंबर खाली पड़े हुए थे अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
दूध की रही किल्लत
कोटद्वार : कोल्हू नदी के उफान पर आने के कारण सोमवार को क्षेत्र में दूध की किल्लत रही। दरअसल, बढ़ापुर क्षेत्र से कोटद्वार में करीब डेढ़ सौ दूधिये प्रतिदिन दूध की आपूर्ति करते हैं। नदी के उफान पर आने से दूधिये क्षेत्र में नहीं पहुंच पाए।
सड़कें, जो हुई बंद
दुगड्डा-यमकेश्वर, दुगड्डा-रथुवाढाब-धुमाकोट, कोटद्वार-पुलिंडा, बल्ली-मथाणा-सिमलना, दुगड्डा-जुवा, पौखाल-भंवासी-मांडलू, नालीखाल-पोखरीखेत, ढौंटियाल-चपड़ेत, ढौंटियाल-बूच्याखाल, हनुमंती-चंडा-मांडई, हर्षू-मुंडगांव, रामनगर-खाल्यूडांडा-रिखणीखाल, टकोलीखाल-किल्बोखाल-रिखणीखाल, जालीखांद-बूंगा-बसड़ा, बसड़ा-कंदलाई, ज्वाल्पा देवी-पातल, किर्खू-मासौं।