नक्षत्र वाटिका में हाथियों ने मचाया उत्पात
जागरण संवाददाता, कोटद्वार :
बीती रात गजराज के झुंड ने ऐसा उत्पात मचाया कि लैंसडौन वन प्रभाग की 'नक्षत्र वाटिका' को तहस नहस कर डाला। हाथियों ने न सिर्फ वाटिका के हट व बेंचों को उखाड़ दिया, बल्कि कई पेड़ों को भी धराशाई कर दिया।
लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत पनियाली बीट में स्थित 'नक्षत्र वाटिका' में बीती रात हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। मध्य रात्रि के बाद वाटिका में घुसे हाथियों ने न सिर्फ वाटिका के मध्य में कुछ माह पूर्व लगाई गई हट को तहस-नहस कर डाला, बल्कि वहां लगी बेंचों को भी उखाड़ कर यहां-वहां फेंक दिया। इसके अलावा वाटिका में लगे बरगद, पीपल, खैर, अमलताश, पापड़ी, शीशम, बांस सहित विभिन्न प्रजाति के पेड़ों को भी उखाड़ दिया। हाथियों का झुंड सुबह तक वाटिका में उत्पात मचाता रहा। बाद में वाटिका की रेलिंग तोड़ झुंड जंगल की ओर निकल गया। वनकर्मियों की माने तो झुंड में नौ हाथी-हथिनी हैं, जिनमें तीन शावक भी शामिल हैं।
मौके पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी एसपी कंडवाल ने बताया कि हाथियों ने पीपल के आठ, पापड़ी के सात, बरगद के दस, खैर के छह, शीशम के दो, बांज के तीन, गूलर के पांच, कटहल के दो, पाम के दस पेड़ों को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।
भगवान भरोसे थी वाटिका
नक्षत्र वाटिका में मोहल्ला जौनपुर, कालाबड़ के साथ ही ग्राम शिवपुर, लालपुर के वाशिंदे सुबह-शाम के सैर-सपाटे के लिए पहुंचते हैं। वन महकमे की ओर से भले ही वाटिका की देख-रेख को एक कर्मी की तैनाती की गई हो, लेकिन इस कर्मी को पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है। वर्ष 2009 में बीस लाख की लागत से इस वाटिका का निर्माण तो हुआ, लेकिन वाटिका की देख-रेख को आज तक कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है। कहना गलत न होगा कि वाटिका पूरी तरह प्रकृति के भरोसे है।