Move to Jagran APP

सड़क को केंद्र सरकार की ना

By Edited By: Published: Thu, 10 Jul 2014 05:11 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jul 2014 05:11 PM (IST)

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: गढ़वाल-कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' से प्रसिद्ध कंडी रोड के अंतर्गत पड़ने वाले लालढ़ांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग को आम यातायात के लिए खोलने का सपना शायद कभी पूर्ण न हो पाए। दरअसल, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस मार्ग पर वाहनों के संचालन की अनुमति प्रदान करने से इंकार कर दिया है।

loksabha election banner

करोड़ों की धनराशि फूंक दी गई लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग के डामरीकरण के नाम पर, लेकिन नतीजा जस का तस। दरअसल, इस सड़क को लेकर जनता को सपने तो बड़े-बड़े दिखाए गए, लेकिन सालों इंतजार के बाद भी वे सपने आज तक अधूरे हैं। विधानसभा चुनाव हो अथवा लोकसभा, लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग के डामरीकरण का मुद्दे पर राजनैतिक दल पिछले लंबे समय से रोटियां सेंकते नजर आ रहे हैं, लेकिन यदि धरातल की बात करें तो करोड़ों फूंकने के बाद भी मोटर मार्ग चलने लायक नहीं। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में कुछ प्रयास अवश्य हुए, लेकिन केंद्र ने इस प्रयासों को भी झटका दे दिया।

यह हुए प्रयास

कोटद्वार : यूं तो लालढांग-चिलरखाल मोटर मार्ग का मुद्दा वर्षो पुराना है, लेकिन उत्तराखंड राज्य गठन के बाद इस मार्ग के डामरीकरण की मांग तेज हो गई। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में इस मार्ग के डामरीकरण को दो चरणों में कार्य कराने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में वन विभाग सड़क पर मिट्टी-पत्थर का भरान कर सड़क को समतल, पुल निर्माण व 18 स्थानों पर कलवर्ट बनाकर वहां ह्यूम पाइप बिछाना था। इसके लिए विभाग को पांच करोड़ 74 लाख की धनराशि अवमुक्त दी गई। द्वितीय चरण में लोनिवि को सड़क पर डामर बिछाना था, जिसके लिए साढ़े आठ करोड़ की धनराशि दी गई। सड़क को लेकर राजनीति हुई व वन महकमे ने प्रथम चरण का कार्य पूर्ण करने के बाद सड़क हस्तांतरण में यह कहते हुए आपत्ति लगा दी कि केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर सड़क पर लोनिवि किसी भी तरह का कार्य नहीं कर सकती।

यह है वर्तमान स्थिति

कोटद्वार : करीब पौने छह करोड़ रुपये फूंके जाने के बाद भी सड़क आज तक चलने लायक नहीं। स्थिति यह है कि चिलरखाल से चमरिया (लालढांग) का करीब 11 किमी. का सफर काफी कष्टदायी होता है। जगह-जगह गढ्डे पड़े हैं व धूल का गुबार परेशानी का सबब बने हुए हैं। शासन इस मार्ग पर फ्लाईओवर बनाने की तैयारी में है, लेकिन फ्लाई ओवर बनने में कितना समय लगेगा, इसकी जानकारी किसी को नहीं।

............

'केंद्र की ओर से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। हालांकि, सड़क पर मालवाहनों की आवाजाही ही रोकी गई है। फ्लाई ओवर निर्माण का मामला शासन स्तर का है।

नितिशमणि त्रिपाठी, प्रभागीय वनाधिकारी, लैंसडौन वन प्रभाग।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.