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बीडीओ ने बदली रास्ते की दिशा

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 05:43 PM (IST)
बीडीओ ने बदली रास्ते की दिशा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: खंड विकास कार्यालय दुगड्डा की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल, विभाग को क्षेत्र पंचायत निधि से ग्राम सभा पदमपुर में सीसी मार्ग के निर्माण को धनराशि स्वीकृति हुई थी, लेकिन विभाग ने स्वीकृत कार्य के सापेक्ष अन्य स्थल पर निर्माण कर दिया।

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दरअसल, वित्तीय वर्ष 2011-12 में खंड विकास कार्यालय को राज्य वित्त से पदमपुर (सुखरो) में बुड़ाकोटी गली में राकेश के घर की ओर सीसी मार्ग निर्माण के लिए 50 हजार की धनराशि अवमुक्त हुई। हैरत की बात यह रही कि कार्यदायी संस्था ने योजना के तहत कार्य करने के बजाए पदमपुर (सुखरो) में बुड़ाकोटी गली में राजेश बुड़ाकोटी के घर तक सीसी मार्ग निर्माण कर दिया। इतना ही नहीं, निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण करने के बजाए जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण कार्य का भुगतान भी कर दिया।

शिकायत हुई तो मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच शुरू कर दी। करीब आठ माह का लंबा समय बीतने के बाद उपजिलाधिकारी ने जब अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को भेजी तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि वर्ष 2011-12 में स्वीकृत मार्ग 'बुड़ाकोटी गली में राकेश के घर की ओर' का सार्वजनिक रास्ता के बजाए कार्यदायी संस्था विकास खंड दुगड्डा के द्वारा 'बुड़ाकोटी गली में राकेश बुड़ाकोटी के घर की तरफ' सीसी मार्ग का निर्माण कर 49 हजार 500 रुपए का भुगतान कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि जांच में निर्माण कार्य में अनियमितता पाए जाने के बाद भी खंड विकास कार्यालय से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

एसडीएम को लगाई फटकार

सीसी मार्ग निर्माण कार्य की जांच में एसडीएम की ओर से बरती गई लेटलतीफी पर सूचना आयुक्त ने एसडीएम को कड़ी फटकार लगाई है। सूचना आयुक्त प्रभात डबराल का स्पष्ट कहना है कि मुख्य विकास अधिकारी की ओर से एसडीएम को पूरे प्रकरण की 15 दिन में जांच करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन एसडीएम ने जांच में आठ माह लगा दिए। स्पष्ट कहा गया है कि जांच में लेटलतीफी एसडीएम की प्रशासनिक अक्षमता को उजागर करता है।

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'जिस कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत हुई, उस धनराशि से अन्य कार्य कराया जाना सरकारी धन का दुरुपयोग है। निर्माण स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर दोषियों से रिकवरी की जाएगी।

वेदप्रकाश, जिला विकास अधिकारी, पौड़ी'


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