लॉकअप में आरोपी की हालत बिगड़ी
जागरण संवाददाता, कोटद्वार:
रविवार सुबह कोतवाली पुलिस की सांस उस वक्त हलक में अटक गई, जब लॉकअप में दुराचार के प्रयास के आरोपी की हालत अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन पुलिस ने आरोपी को चिकित्सालय में भर्ती कराया। शाम को चिकित्सालय पहुंचे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी का 23 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में उपचार कराने के आदेश दिए।
बताते चलें कि शनिवार को ग्राम दलीपपुर निवासी दिनेश पुत्र बहादुर सिंह ने स्कूल से घर लौट रही एक किशोरी को छात्रवृत्ति दिलाने का झांसा देते हुए अपने घर बुलाया था और उसके साथ दुराचार का प्रयास किया था। दिनेश के चंगुल से बचकर घर पहुंची किशोरी ने परिजनों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने कलालघाटी पुलिस चौकी में दिनेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। देर रात पुलिस ने दिनेश को गिरफ्तार कर लिया था और उसे कोटद्वार कोतवाली के लॉकअप में रखा था।
रविवार सुबह पुलिस दिनेश को न्यायालय में पेश करने की तैयारी करने लगी थी। इसी दौरान लॉकअप में दिनेश की हालत बिगड़ गई, जिससे कोतवाली में हड़कंप मच गया। आनन-फानन कोतवाली प्रभारी प्रमोद शाह ने दिनेश सिंह को राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। दिनेश का उपचार कर रहे फिजीशियन डॉ.जेसी ध्यानी ने बताया कि दिनेश का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) कम होने के कारण हालत बिगड़ गई। अब वह खतरे से बाहर है।
दिनेश को चिकित्सालय में भर्ती कराने के बाद पुलिस के लिए उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना बड़ी चुनौती बन गई। उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में जिला जज से वार्ता की, जिसके बाद शाम करीब चार बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव श्रीवास्तव ने चिकित्सालय पहुंच दिनेश की स्थिति देखी और उसे 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोतवाली प्रभारी प्रमोद शाह ने बताया कि न्यायिक हिरासत के दौरान दिनेश का पुलिस निगरानी में चिकित्सालय में ही उपचार कराया जाएगा।
चेहरों से उड़ी रही हवाइयां
कोटद्वार : इस घटना के दौरान कोतवाली पुलिसकर्मियों के चेहरों से हवाइयां उड़ी रही। एक मौका तो ऐसा भी आया जब कोतवाल ने दिनेश को कोतवाली से ही जमानत पर छोड़ने का मन बना लिया, लेकिन मामला पोक्सो के तहत होने के कारण उन्हें अपना निर्णय बदलना पड़ा।