बढ़ी दमकल की चुनौतियां
संवाद सहयोगी, कोटद्वार: अग्निकांड की घटनाओं में संभावित जोखिम को कम करने की दमकल विभाग की तत्परता पर अतिक्रमण भारी पड़ रहा है। दरअसल, नगर क्षेत्र के अंतर्गत कई मोहल्लों में सड़के अतिक्रमण की जद में आकर इतनी तंग हो गई हैं कि समय पर सूचना मिलने के बावजूद दमकल कर्मियों का मौके पर पहुंचने में ही दम निकल रहा है। नतीजा, जोखिम को कम करना दमकल विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
नगर क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला लकड़ीपड़ाव, आमपड़ाव, झूलाबस्ती में जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है, लेकिन पहुंच मार्ग के अतिक्रमण की जद में आने से यहां दमकल वाहन को पहुंचाना सबसे बड़ी समस्या है। वहीं, गोविंदनगर व जौनपुर में सड़कें पहले से ही संकरी हैं, इन मोहल्लों के तीव्र मोड़ों को पार करना दलकल विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। स्थिति यह रहती है कि दमकल कर्मी हौज पाइपों के सहारे आग से जूझते नजर आते हैं। नतीजा, आग पर काबू पाने में काफी समय लग जाता है और क्षति बढ़ जाती है।
तंग इलाकों में भारी क्षति
दमकल विभाग के वर्ष 2010 व 2011 के आंकड़ों पर गौर करें तो इस दौरान तंग इलाकों में अग्निकांड की घटनाएं सबसे अधिक हुई। वर्ष 2010 में अग्निकांडों में जहा 42 लाख का नुकसान हुआ, वहीं अतिक्रमण के चलते हुई देरी से 2011 में करीब दस लाख की क्षति हुई।
क्षति पर एक नजर
वर्ष मामले क्षति
2012 26 01.19
2013 21 03.74
2014 08 03.54 (अब तक)
'तंग इलाकों में दमकल वाहन को मौके पर पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बन रही है। इस संबंध में लोगों को जागरूक कर उनसे सहयोग मांगा जा रहा है।
एमबी खत्री, अग्नि शमन अधिकारी कोटद्वार।'