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नवरत्‍‌न में शामिल होने की राह पर पिटकुल

By Edited By: Published: Sat, 12 Jul 2014 01:27 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jul 2014 01:27 AM (IST)

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राज्य गठन के बाद पहली बार पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) लाभ में चल रहा है। बिजलीघरों व लाइनों की क्षमता विस्तार के कारण कंपनी की क्रेडिट रेटिंग ए प्लस हो गई है। दूसरी ओर जल विद्युत परियोजनाओं का विस्तार न होने से ऊर्जा प्रदेश की साख लगातार गिर रही है। यह बात उत्तराखंड आफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी ध्यानी ने कही।

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ध्यानी शनिवार को होने वाले एसोसिएशन के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में शामिल होने यहां पहुंचे थे। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पिटकुल की ट्रांसमिशन क्षमता वर्ष 2000 में 1802 एमवीए थी जो अब बढ़कर 6437 एमवीए हो गई है। यह क्षमता राज्य की अधिकतम वर्तमान जरूरत 1800 मेगावाट को प्रवाहित करने में पूर्णत: सक्षम है। ध्यानी ने कहा कि पिटकुल ने पहली बार 2012-13 में 6.18 करोड़ का लाभ कमाया और 13-14 में 9.39 करोड़ के मुनाफे में रहने वाली पीएसयू बन गई। इसे देखते हुए पावर फाइनेंस रेटिंग कंपनी ने इसे बी से ए प्लस क्रेडिट रेटिंग दी है। इससे उपभोक्ता पर ब्याज का भार 0.5 प्रतिशत कम हुआ है। विभाग इस वर्ष भी रेटिंग बरकरार रखने के लिए तत्पर है। इससे इसके नवरत्‍‌न कंपनी में शामिल होने के मानक भी पूरे हो जाएंगे। साथ ही यूपीसीएल भी लाइन व रिवन्यू लॉस घटाकर 39 से 29 नंबर पर रही थी। जो 5-15 की रेटिंग के साथ अब सी से बी कैटेगरी में आ गई है। उन्होंने ऊर्जा प्रदेश में उत्पादन वृद्धि न होने पर चिंता जताते हुए जल विद्युत परियोजनाओं के मरम्मत व रखरखाव में प्रतिवर्ष खर्च हो रहे करोड़ों के बजट पर भी सवाल उठाए। लोहियाहेड (खटीमा) के लिए निकाले गए 133 करोड़ के टेंडर पर जांच की बात कही। ध्यानी ने विभाग सेवानिवृत्त हो रहे इंजीनियरों की सेवाएं लेते हुए उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं तलाशे जाने की जरूरत बताई।

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सम्मेलन की मांगों पर मंथन

केंद्रीय अध्यक्ष पीसी ध्यानी के यहां पहुंचने पर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने शनिवार को होने वाले सम्मेलन की रणनीति पर मंथन किया। इस दौरान केंद्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष डीसी गुरुरानी, सतीश जोशी, शिवशंकर जोशी, कैलाश तिवारी, भुवन भट्ट, मो. शाकिब आदि मौजूद रहे।


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