उत्तराखंड: मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में अगली सुनवाईं 17 सितंबर को
मुख्यमंत्री हरीश रावत के बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित स्टिंग मामले की सीबीआइ जांच को चुनौती देती याचिका पर अगली सुनवाईं 17 सितंबर को होगी।
नैनीताल, [जेएनएन] : फ्लोर टेस्ट के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग मामले में मुख्यमंत्री हरीश रावत की याचिका पर शनिवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली तारीख 17 सितंबर तय कर दी।
बता दें कि स्टिंग मामले की सीबीआइ जांच समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने इस प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है और सीबीआइ जांच की अधिसूचना वापस ले ली है। ऐसे में सीबीआइ को इस जांच को बंद कर देना चाहिए।
पढ़ें:-उत्तराखंड: स्टिंग मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
उधर, सीबीआइ ने इसके जवाब में कहा है कि एक बार जांच शुरू होने के बाद राज्य सरकार सीबीआइ जांच की सिफारिश वापस नहीं ले सकती। शनिवार को इस मामले में मुख्यमंत्री की ओर से पैरवी करने वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल हाई कोर्ट पहुंचे तो केंद्र की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल।
कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए पूरे मामले को हरक सिंह रावत व उमेश कुमार की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि समाचार प्लस के उमेश कुमार खुद विधायकों की खरीद फरोख्त की बात कर रहे थे। राकेश थपलियाल ने कोर्ट से कहा, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जरूरी काम की वजह से नहीं आ सके। ऐसे में सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी जाए। उसके बाद न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तिथि तय कर दी।
पढ़ें:-पूर्व मंत्री हरक सिंह ने स्टिंग मामले में दाखिल किया जवाब