मंगल के प्रभाव क्षेत्र में आज पहुंचेगा एमओएम
नैनीताल : लाल ग्रह से चंद कदम दूर सोमवार को भारतीय मंगलयान मार्स आर्बिटर मिशन यानि एमओएम मंगल के प्रभाव क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद यान को मंगल की कक्षा में स्थापित करने की कवायद शुरू हो जाएगी। वैज्ञानिकों के अनुसार मंगलयान का अब तक तय किया गया सफर भी इसरो के लिए बड़ी उपलब्धि है। 24 सितंबर को मंगलयान की सौ फीसदी सफलता का वैज्ञानिकों समेत कई देशों को इंतजार है।
मालूम हो कि पिछले साल पांच नवंबर को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से मंगलयान मंगल ग्रह की ओर रवाना किया गया था। अब यान अपनी मंजिल से चंद कदम दूरी पर पहुंच गया है। 22 सिंतबर को वह मंगल की प्रभाव वाले क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगा। भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलूरू के खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर के अनुसार इस मिशन से देश के वैज्ञानिक उत्साहित हैं। वहीं इसकी सफलता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मंगल का प्रभाव क्षेत्र का दायरा 575473 किमी. है। भारतीय समयानुसार सोमवार को दोपहर 2.30 बजे मंगलयान के चौथे पथ सुधार का कार्य शुरू होगा। जिसमें लिक्विड एफओजी मोटर को चार सेकेंड के लिए सक्रिय किया जाएगा। इस प्रक्रिया में यान की गति कम की जाएगी। यह कार्य मंगल की कक्षा में स्थापित करने से पूर्व की जांच होगी। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज नैनीताल के खगोल वैज्ञानिक डा. शशि भूषण पांडे के अनुसार इस मिशन पर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर क स्पेस एजेंसियों समेत कई देशों की नजरें टिकी हुई हैं। आमजन भी इस मिशन को लेकर 24 सितंबर का इंतजार कर रहे हैं। इधर नासा द्वारा छोड़ा गया मार्स एटमॉस्फेयरिक वालेटाइल एवोल्यूशन मिशन, मेवन भी 22 सितंबर को मंगल की कक्षा में स्थापित होने जा रहा है। इसे नासा ने 18 नवंबर 2013 को छोड़ा था।