प्राथमिक स्कूलों में 1880 शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ
नैनीताल : हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी मामले में राज्य सरकार व बीएड अभ्यर्थियों की विशेष अपील स्वीकार करते हुए एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है। इस फैसले के बाद राज्य में प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1880 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
टिहरी गढ़वाल निवासी केशवानंद झिडि़याल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने इस साल एक फरवरी व 24 फरवरी को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 1880 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। याची का कहना था कि उक्त विज्ञप्ति अध्यापक सेवा नियमावली-2012-13 के प्रावधानों के विपरीत है। विज्ञप्ति में राज्य आंदोलनकारियों, उनके आश्रितों, विशिष्ट खिलाडि़यों को आरक्षण दिया गया है। पूर्व में एकल पीठ ने सेवा नियमावली की निर्धारित व्यवस्था का अनुपालन करते हुए चयन प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। उक्त आदेश को राज्य सरकार व बीएड अभ्यर्थियों द्वारा विशेष अपील के जरिए चुनौती दी गई। विशेष अपील में सुनवाई के दौरान सरकार व बीएड अभ्यर्थियों की ओर से महाधिवक्ता व अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि विज्ञापन बीएड व टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए विशेष चयन प्रक्रिया है। जिसमें बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए 2012 में बनाए गए नियम प्रभावी नहीं होते। संपूर्ण प्रक्रिया 31 मार्च 2014 के शासनादेश के अनुसार हो रही है। जबकि याचीकर्ता स्वयं विज्ञापन के अनुसार आवेदन कर चुका है और आवेदन के दो माह बाद याचिका दाखिल की गई है। याचिका में शासनादेश तक को चुनौती नहीं दी गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोजफ व न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद विशेष अपील स्वीकार कर ली और एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।