अवैध खनन पर जुर्माना भरेगा वन निगम
हल्द्वानी : पिछले सत्र में गौला नदी में हुए अवैध खनन पर निकाली गई दो करोड़ की पीडी का भुगतान करने पर ही वन विकास निगम को गौला में कदम रखने दिया जाएगा। ऐसी निगम को चेतावनी भरी चिट्ठी तराई पूर्वी वन प्रभाग की ओर से भेजी जा रही है। बंद गौला में धड़ल्ले से अवैध खनन होने को वन महकमे ने गंभीरता से लिया है।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के सूत्र बताते हैं कि पिछले खनन सत्र में गौला नदी में बेखौफ अवैध खनन हुआ। राजपुरा गेट, शीशमहल गेट तक व निगम की सीमा तक घोड़ा गाड़ी बड़ी संख्या में अवैध खनन में लिप्त थीं। राजपुरा गेट पर नियमों का उल्लंघन कर पूरे सत्रभर खनन कराया गया। नदी में अराजकता में पकड़ी गाड़ियां भी निगम के खाते में डाली गई। पूरे सत्र में अवैध खनन का हिसाब-किताब लगाकर तराई पूर्वी वन प्रभाग ने वन विकास निगम पर दो करोड़ की पीडी निकाली। पीडी का भुगतान करने को डीएफओ डा.पराग मधुकर धकाते द्वारा निगम को चिट्ठी भेजी गई लेकिन पीडी का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। अब गौला में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है और वन विकास निगम के कर्मचारी गौला की तरफ झांकते तक नहीं हैं। ऐसे में तराई पूर्वी वन प्रभाग के कर्मचारी ही गौला की सुरक्षा में लगे हैं। ऊपर से अवैध खनन पर वन विभाग बदनामी झेल रहा है। इसे महकमे ने गंभीरता से लिया है। एसडीओ एनसी पंत का कहना है कि निगम जब दो करोड़ की पीडी का भुगतान करेगा, तभी उसे इस सत्र में गौला में कदम रखने की अनुमति दी जाएगी। पीडी भुगतान करने के संबंध में निगम को चिट्ठी भेजी जा रही है।