पशुबलि रोकने पर बवाल
नैनीताल : नंदाष्टमी पर पशु बलि रोकने के जिला प्रशासन के फैसले का मंगलवार को तीखा विरोध हुआ। पशु बलि समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने दो बार मंदिर का गेट बंद कराया। हालांकि वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके और पशु बलि न हो सकी।
पशुबलि रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन के अफसर फोर्स के साथ मंगलवार सुबह ही मेला परिसर में डट गए थे। तड़के पुलिस ने हल्द्वानी रोड पर ज्योलीकोट, हनुमानगढ़, कालाढूंगी रोड पर बारापत्थर, किलबरी रोड, मल्लीताल मस्जिद तिराहा, ठंडी सड़क, चिडि़याघर रोड पर चेकिंग शुरू कर दी। पुलिस ने मंदिर परिसर तक बलि के लिए लाए गए बकरों को कब्जे में ले लिया। इससे गुस्साए श्रद्धालुओं ने दो बार मंदिर का मुख्य गेट बंद कर दिया। मामले की जानकारी पर तमाम संगठनों के लोग पहुंच गए। इस बीच स्टेट बैंक मल्लीताल क्षेत्र से ढाई दर्जन से अधिक श्रद्धालु बकरों को गुप्त रास्ते से मंदिर के गेट तक ले आए। वहां भी पुलिस ने बकरा छीना तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इसी दौरान कवरेज कर रहे निजी चैनल के दो पत्रकारों के साथ भी धक्का-मुक्की हो गई। इससे मीडिया कर्मियों ने भी गुस्सा जताया। पुलिस पशु बलि समर्थकों को कोतवाली ले आई। जहां तीन घंटे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस के खिलाफ भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल व विहिप कार्यकर्ताओं ने कोतवाली में नारेबाजी की। प्रदर्शन में भाजपा जिला महामंत्री गोपाल रावत, नगर अध्यक्ष विवेक साह, अरविंद पडियार, प्रदीप बोरा, कुंदन बिष्ट, नितिन कार्की, दयाकिशन पोखरिया, गोविंद बिष्ट, दीपक मेलकानी, निखिल बिष्ट, खीमराज बिष्ट समेत अन्य शामिल रहे। वहीं एडीएम उदय सिंह राणा, एसडीएम शिवचरण द्विवेदी, सीओ सिटी हरीश कुमार, सीओ हल्द्वानी गिरीश टम्टा मंदिर गेट पर घंटों डटे रहे।
प्रशासन ने झोंकी पूरी ताकत
प्रशासन व पुलिस ने मंदिर में पशुबलि रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। एएसपी पंकज भट्ट के अनुसार इसके लिए दो सीओ, चार एसओ, एक कंपनी पीएसी, एक प्लाटून महिला पीएसी, दस महिला पुलिस कर्मी, 16 दरोगा समेत तल्लीताल थाना व मल्लीताल कोतवाली के पुलिस जवान तैनात किए गए थे। यह मेला संपन्न होने तक डटे रहेंगे।