अतिक्रमणकारियों को करें बेदखल
नैनीताल : हाई कोर्ट ने शहर समेत सूखाताल क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सूखाताल झील का क्षेत्रफल निर्धारित करने तथा झील संरक्षण के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेकर रिपोर्ट तैयार कर पेश करने के आदेश दिए हैं। सूखाताल के कैचमेंट क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगते हुए अतिक्रमणकारियों को हटाने के निर्देश भी दिए। कोर्ट ने कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक से सूखाताल कार पार्किग के विस्तार के संबंध में निर्णय देने को भी कहा है। इसके अलावा माल रोड समेत मनुमहारानी होटल तिराहे के आगे दुकानों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी हटाने के निर्देश दिए।
पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत की ओर से हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि नैनीताल संवेदनशील क्षेत्र है। इसके बावजूद अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं। नैनी झील के जलागम क्षेत्र सूखाताल में अतिक्रमण के कारण नैनी झील के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है। कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को डीएम अक्षत गुप्ता, अपर आयुक्त श्रीष कुमार, केएमवीएन एमडी दीपक रावत, ईओ पालिका रोहिताश शर्मा समेत अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। उनके द्वारा अब तक चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कोर्ट में प्रस्तुत की गई। जिसे कोर्ट ने सील करते हुए रजिस्ट्रार जनरल दफ्तर में जमा कर दिया, ताकि समय आने पर इसका अनुश्रवण किया जा सके। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार गुप्ता ने सुनवाई के दौरान लेक ब्रिज चुंगी व पार्किग में हो रही अंधेरगर्दी पर सख्त टिप्पणी करते हुए चेतावनी दी कि यदि जल्द अंधेरगर्दी बंद नहीं हुई तो कोर्ट को मजबूरन पार्किग व लेक ब्रिज चुंगी वसूली के सिस्टम को खत्म करने का आदेश पारित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कोर्ट ने व्यापारियों की जागरूकता को सराहा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मल्लीताल बाजार में खुद अतिक्रमण हटा रहे व्यापारियों की प्रशंसा की। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल की जनता जागरूक है और इसलिए नागरिकों का कर्तव्य है कि उन्हें शहर को बचाने के लिए इसी तरह आगे आना चाहिए।