हरक की विधायकी मामले में फैसला सुरक्षित
नैनीताल : हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री व विधायक हरक सिंह रावत की विधायकी खत्म करने संबंधी नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट की याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह सात अगस्त 2012 को विधान सभा सदस्य रहते हुए तराई बीज एवं विकास निगम के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिए गए। जिस कारण वह लाभ के पद पर आसीन हो गए। इसलिए संविधान के अनुच्छेद-191 के अनुसार वह विधान सभा सदस्य पद से अयोग्य हो गए। भाजपा विधायकों ने पिछले साल दो अप्रैल को राज्यपाल को ज्ञापन देकर अनुच्छेद-192 में दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरक की सदस्यता समाप्त करने की मांग उठाई थी। लेकिन राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने एक अध्यादेश जारी कर टीडीसी व उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम चेयरमैन के पद को लाभ के दायरे से बाहर कर दिया। भट्ट की याचिका को एकल पीठ ने खारिज कर दिया तो उन्होंने विशेष अपील के जरिए चुनौती दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। अब हाई कोर्ट इस मामले में जो भी फैसला देगा, उससे न केवल हरक का सियासी भविष्य तय होगा बल्कि नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट की सियासत भी प्रभावित होना तय है।