रिजर्व बैंक ने कहा, बैंकों में नहीं होता लंच टाइम
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बैंक लंच टाइम के बहाने उपभोक्ताओं को लौटा देते हैं। जबकि ऐसा कोई नियम ह
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बैंक लंच टाइम के बहाने उपभोक्ताओं को लौटा देते हैं। जबकि ऐसा कोई नियम ही नहीं है। बावजूद इसके बैंकों की मनमानी से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बैंकों में काम के घंटे तय हैं। रिजर्व बैंक के नियमों के तहत बैंक खुलने और बंद होने के बीच कोई भी काउंटर बंद नहीं रहना चाहिए। बैंक इस नियम को दरकिनार कर अपने नियम लोगों पर थोप रहे हैं। इसका खुलासा सूचना अधिकार में हुआ है। डॉ. प्रमोद कुमार गोल्डी ने आरबीआइ से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। रिजर्व बैंक ने ऐसा कोई नियम होने से ही इन्कार कर दिया। जवाब में कहा गया है कि बैंक खुलने से 15 मिनट पहले बैंक कर्मी को काउंटर पर मौजूद रहना चाहिए। रिजर्व बैंक के नियमानुसार बैंक को ग्राहकों को अतिरिक्त समय देना चाहिए। आरबीआइ ने यह भी निर्देश दिए हैं कि तय समय में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता। यदि समय में बदलाव किया भी जा रहा है तो उसकी पूर्व सूचना देना अनिवार्य है।
1111 और 2222 जमा करने पर भी मनमानी
बैंक अक्सर ग्राहक से 1111 और 2222 की राशि को जमा नहीं करते हैं। 1100 या 2200 रुपये ही जमा करने को कहा जाता है। इसके लिए नियमों का हवाला दिया जाता है। डॉ. प्रमोद गोल्डी की आरटीआइ के जवाब में रिजर्व बैंक ने इस पर भी स्थिति साफ कर दी है। सूचना अधिकार में कहा गया है कि ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार रकम जमा और निकाल सकता है।
नहीं खुला एक भी काउंटर
आरबीआइ ने स्याही लगे दो हजार और पांच सौ के नए नोटों को चलने से बाहर करने के लिए सभी बैंकों को इन्हें जमा करने के लिए अलग काउंटर खोलने के निर्देश दिए हैं, लेकिन नैनीताल जिले में किसी भी बैंक ने काउंटर ही नहीं खोला। इस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा ह। ऐसे नोटों को आरबीआइ ने कटे-फटे नोटो की श्रेणी में शामिल किया है। निर्देश के अनुसार इन नोटों को जमा किया जाना है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि यह मोहलत कुछ समय के लिए है।